एनसीएसटी सदस्य ने किया एफआरआई का दौरा, परखी व्यवस्थाएं

एनसीएसटी सदस्य ने किया एफआरआई का दौरा, परखी व्यवस्थाएं
एफआरआई का भ्रमण करते एनसीएसटी के सदस्य ने निरूपम।

देहरादून, 28 मई (हि.स.)। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के सदस्य निरुपम चकमा ने बुधधार काे वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई), देहरादून का दौरा किया। इसका उद्देश्य संस्थान के भीतर अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा करना था। बैठक की सह-अध्यक्षता वन अनुसंधान संस्थान के निदेशक ने किया। वन अनुसंधान संस्थान निदेशक ने संगठनात्मक ढांचे और संस्थान के भीतर कर्मचारियों की स्थिति और प्रतिनिधित्व की प्रस्तुति दी।

बैठक के बाद, संस्थान निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एनसीएसटी सदस्य ने संस्थान के विभिन्न संग्रहालयों का दौरा किया। आयोग सदस्य ने ‘हर्बेरियम’ और जाइलारियम का भी दौरा किया, जहां भारत और दुनिया भर के जंगली पेड़ों और पौधों के अद्भुत हर्बेरियम संग्रह के माध्यम से भारत की अद्भुत वनस्पति विविधता का प्रदर्शन किया गया है।

हर्बेरियम संग्रह मे 3.50 लाख नमूने शामिल हैं। आयोग को ‘संजीवनी बूटी’ के बारे में जानने में दिलचस्पी थी और बुंदेलखंड क्षेत्र से एक नमूना उनके सामने प्रदर्शित भी किया गया। ‘ज़ाइलारियम’ के भ्रमण के दौरान भारत और 45 अन्य देशों की लकड़ी के 20,000 नमूने उन्हें दिखाए गए।

भारत की सबसे महंगी लकड़ी की प्रजातियों के साथ-साथ महत्वपूर्ण वाणिज्यिक लकड़ी के बारे में जानकारी भी आयोग के साथ साझा की गई, जिसमें लाल चंदन, चंदन, सागौन, साल, शीशम आदि शामिल हैं। आयोग ने वन संवर्धन, इमारती लकड़ी, गैर-इमारती वन उत्पाद और वन कीट विज्ञान संग्रहालयों का भी दौरा किया। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने इन संग्रहालयों में रखे गए विभिन्न प्रदर्शनों के बारे में बताया।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal

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