सहकारी बैंकों का लाभ पांच गुना तक बढ़ा, किसान और छोटे उद्यमी बने सशक्त

सहकारी बैंकों का लाभ पांच गुना तक बढ़ा, किसान और छोटे उद्यमी बने सशक्त

-उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक का ऋण वितरण योगी सरकार में ढाई गुना बढ़कर 23061 करोड़ पहुंचा

लखनऊ, 28 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सहकारिता के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता मिली है। प्रदेश में सहकारिता संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए चलाए गए व्यापक सुधारों और योजनाओं के सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट रूप से सामने आ रहे हैं। ऋण वितरण से लेकर शुद्ध लाभ के मामले में तीन से करीब पांच गुना तक की बढ़ोतरी ने सहकारिता के नवजागरण को साकार कर दिखाया है।

वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक ने जहां 9190 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया था, वहीं योगी सरकार में यह आंकड़ा वर्ष 2025 में बढ़कर 23061 करोड़ रुपये पहुंच गया है। जो राज्य में किसानों और छोटे उद्यमियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में काफी कारगर साबित हुआ है।

तीन गुना बढ़ा शुद्ध लाभ, कोऑपरेटिव बैंक का हुआ आर्थिक सशक्तिकरण

उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक का शुद्ध लाभ वर्ष 2017 में 32.82 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 100 करोड़ रुपये के पार हो गया है। यह तीन गुना से अधिक की बढ़त है, जो यह बताती है कि बैंक न केवल ऋण दे रहा है, बल्कि बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता के कारण मुनाफा भी कमा रहा है।

प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों का कुल व्यापार बढ़कर वर्तमान में 41234 करोड़ रुपये हो गया है। जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उनकी मजबूत भागीदारी को भी रेखांकित करता है। 50 जिला सहकारी बैंकों का कुल शुद्ध लाभ 2017 में जहां 36 करोड़ रुपये था, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर 162 करोड़ रुपये हो गया है। यह वृद्धि सरकार की कुशल वित्तीय रणनीति और सहकारिता क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए फसली ऋण वितरण में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 की तुलना में यह दो गुना बढ़कर 11516 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इससे किसानों को खेती के लिए समय पर वित्तीय सहायता मिल रही है और कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो रही है।

13 सहकारी बैंकों की नई शाखाएं स्थापित

उन्होंने बताया कि प्रदेश के 13 सहकारी बैंकों में नई शाखाओं की स्थापना की गई है। इसके साथ ही प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) को बहुसेवा केन्द्रों के रूप में विकसित किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हो रही हैं। इससे ग्रामीणों को बैंकिंग, बीज, खाद, बीमा जैसी सुविधाएं एक छत के नीचे मिल रही हैं। योगी सरकार की इन नीतियों से प्रदेश का सहकारिता क्षेत्र आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर है।

हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला

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