सूरत | सूरत में हाईटेक साइबर फ्रॉड के एक मामले में पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। इस केस में पुलिस ने वराछा निवासी मार्केटिंग प्रोफेशनल मयूर इटालिया को गिरफ्तार किया है, जो पहले से पकड़े गए मुख्य आरोपी किरत जाधवाणी का दूर का मामा बताया जा रहा है। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
मयूर इटालिया ने अगस्त 2024 से अब तक मुख्य आरोपी किरत और फरार आरोपी दिव्येश को 30 से अधिक फर्जी बैंक अकाउंट बेचे थे, जिनमें से एक अकाउंट उसने 6 लाख रुपये में बेचा था। सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक का वह अकाउंट, जिसमें सिर्फ तीन दिनों में 42 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, वह मयूर ने ही उपलब्ध कराया था। आरोपियों के पास से स्टैंडर्ड चार्टर्ड, आरबीएल, एचडीएफसी, एक्सिस जैसी प्रसिद्ध बैंकों के अकाउंट मिले हैं।
फिलहाल पुलिस ने मयूर को कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड ली है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इतने अधिक फर्जी बैंक अकाउंट कहां से और कैसे हासिल किए गए, ट्रांसफर किसकी मदद से किए गए और पैसे का उपयोग कहां किया गया। अब इस केस में केंद्रीय एजेंसियां जैसे ED (प्रवर्तन निदेशालय) और DRI (राजस्व खुफिया निदेशालय) भी शामिल हो चुकी हैं।
फर्जी बैंक अकाउंट का नेटवर्क
मयूर इटालिया की पूछताछ में यह सामने आया है कि उसने अगस्त 2024 से अब तक किरत और दिव्येश को कुल 30 फर्जी बैंक अकाउंट दिए थे। इन अकाउंट्स की कीमत 1 लाख से लेकर 6 लाख रुपये तक थी। ये अकाउंट फर्जी GST नंबर और टेक्सटाइल कंपनियों के नाम पर खोले गए थे, ताकि आसानी से इस्तेमाल हो सकें और किसी को शक न हो।
मयूर ने इस पूरे रैकेट के लिए बैंकिंग सिस्टम की बुनियादी संरचना तैयार की थी। उसने MBA की डिग्री लेने के बाद मार्केटिंग के क्षेत्र में करियर शुरू किया था। शुरू में वह पापड़ उत्पादों की मार्केटिंग करता था, लेकिन समय के साथ उसकी गतिविधियां संदिग्ध होती गईं और वह साइबर फ्रॉड नेटवर्क से जुड़ गया।
इतना पढ़ा-लिखा होने के बावजूद मयूर ने अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल गैरकानूनी कामों में किया और करोड़ों की ठगी को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई।