पानीपत, 31 मई (हि.स.)। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पानीपत नगर निगम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ये नोटिस शहर के पांच सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर प्रदूषण रोकने के नियम न मानने के कारण दिया गया है। यमुना नदी पानीपत जिले में राणा माजरा गांव से लेकर 33 किलोमीटर तक बहते हुए राक्सेड़ा गांव से होते हुए सोनीपत जिले में प्रवेश करती है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पानीपत के एसटीपी की कुल क्षमता एक सौ 68.8 मिलियन लीटर प्रतिदिन है, जबकि शहर से हर दिन 100 एमएलडी से ज्यादा गंदा पानी निकलता है। लेकिन रिपोर्ट बताती है कि इनमें से सिर्फ 78 एमएलडी पानी ही ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचता है। बाकी करीब 22 एमएलडी गंदा पानी बिना साफ किए सीधे यमुना नदी की ओर जा रहे नालों में बहा दिया जाता है।
100 किलो लीटर प्रतिदिन से कम या ज्यादा क्षमता वाले ये प्लांट ‘लाल श्रेणी’ में आते हैं, यानी ये ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले माने जाते हैं। प्रदूषण बोर्ड ने नगर निगम को जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 44 के तहत नोटिस जारी किया है । अगर नियमों का पालन नहीं किया गया, तो प्लांट का संचालन बंद करवाया जा सकता है और पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल वर्मा