मंडी, 31 मई (हि.स.)। मंडी जिला के चोलथरा क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) निर्माण कार्य से पिछले तीन वर्षों से परेशान जनता का गुस्सा अब सड़कों पर फूट पड़ा। बीते दिन स्थानीय लोगों ने सड़कों की बहाली, तोड़े गए रास्तों और पेयजल स्रोतों की मरम्मत तथा घरों के पास सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान एसडीएम और डीएसपी ने हमीरपुर से भारत सरकार के सड़क, परिवहन और राजमार्ग विभाग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को मौके पर बुलाया, जो दो घंटे बाद पहुंचे। उनकी मौजूदगी में कुछ सहमति बनी, लेकिन प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 30 प्रदर्शनकारियों पर राष्ट्रीय उच्च मार्ग अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया।
इस कार्रवाई की चोलथरा व्यापार मंडल, ग्राम पंचायत, सर्वोदय जनकल्याण समिति, एनएच प्रभावित संघर्ष समिति, हिमाचल किसान सभा और अन्य संगठनों ने कड़ी निंदा की है और इन मुकदमों को रद्द करने की मांग की है। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं सहित स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर केस कर दिया, जबकि निर्माण कार्य से हो रही परेशानियों की ओर किसी का ध्यान नहीं है।
पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने पहले ही प्रशासन को कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की लिखित मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि दो जून को रखोह में फिर से प्रदर्शन होगा और आंदोलन की अगली रणनीति बनाई जाएगी।
व्यापार मंडल अध्यक्ष बिहारी लाल और पंचायत प्रधान मेहरचंद गारला ने बताया कि प्रशासन को पहले भी ज्ञापन सौंपे गए थे, लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला तो लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि झूठे मुकदमे वापस नहीं लिए गए, तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा और प्रशासन तथा कंपनी के खिलाफ हाईकोर्ट तक कार्रवाई की जाएगी।
—————
हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा