कानपुर, 31 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में हम निवेशकों को विश्वस्तरीय औद्योगिक माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रमईपुर का फुटवियर पार्क न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि हजारों रोजगारों के अवसर भी सृजित करेगा। जो निवेशक उत्तर प्रदेश में एमएसएमई इकाई स्थापित करने के इच्छुक हैं, उनके लिए यह एक अनोखा अवसर है। यह बातें शनिवार को यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने कही।
उत्तर प्रदेश सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की दिशा में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत कानपुर के रमईपुर क्षेत्र में विकसित हो रहे प्रदेश के पहले फुटवियर पार्क के प्रथम चरण के 26 औद्योगिक भूखंड अब निवेश मित्र पोर्टल पर आवंटन के लिए उपलब्ध करा दिए गए हैं। यूपीसीडा द्वारा 4600 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से ये भूखंड एमएसएमई इकाइयों के लिए स्वीकृत किए गए हैं, जिससे क्षेत्रीय विकास और रोजगार को गति मिलेगी।
प्रथम चरण में प्रस्तावित कुल 75 औद्योगिक भूखंडों में से इन 26 भूखंडों को प्राथमिकता पर आवंटन के लिए खोला गया है। निवेशकों को आवेदन के साथ भूमि मूल्य का प्रतिशत अग्रिम भुगतान करना होगा। 60 दिनों में 20 प्रतिशत और शेष 75 प्रतिशत राशि तीन वर्षों में समान किस्तों में 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ चुका सकते हैं। समय से भुगतान करने पर दो प्रतिशत की छूट और एंकर यूनिट के रूप में निवेश करने पर 10 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट भी मिलेगी।
–आधुनिक सुविधाओं से युक्त पार्क
करीब 80 करोड़ रुपये की लागत से विकसित हो रहा यह पार्क कुल 131.69 एकड़ में फैला होगा। इसमें मजबूत सड़क नेटवर्क, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, वर्षा जल निकासी, जलापूर्ति की सम्पूर्ण व्यवस्था और 40 मेगावाट बिजली आपूर्ति क्षमता जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं शामिल हैं। इसमें 83 एकड़ क्षेत्र में 75 औद्योगिक भूखंड विकसित किए जा रहे हैं, जबकि 5.46 एकड़ क्षेत्र में दो वेयरहाउस भूखंड प्रस्तावित हैं। पार्क में पांच किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क विकसित किया जा रहा है, जिसमें रिजिड और फ्लेक्सिबल दोनों प्रकार के पैवमेंट शामिल हैं। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्लूएम) की सुविधा पांच टन प्रतिदिन की क्षमता के साथ उपलब्ध कराई जाएगी। जिसकी अनुमानित लागत दो करोड़ रुपये है। जलापूर्ति के लिए भूमिगत जल स्रोत का उपयोग किया जाएगा, जिसकी कुल मांग लगभग 10 एमएलडी आंकी गई है। वर्षा जल निकासी के लिए दस किलोमीटर लंबा आरसीसी सेक्शन आधारित स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। बिजली आपूर्ति के लिए 220 केवी का सबस्टेशन प्रस्तावित स्थल से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जो कुल 40 मेगावाट लोड आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप