मुंबई: महाराष्ट्र में अपनी कमजोर होती संगठनात्मक पकड़ को दोबारा मजबूत करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने एक अनोखी पहल की है। पार्टी ने राज्यभर में 550 तालुका अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए एक लोकतांत्रिक और कॉर्पोरेट-स्टाइल चयन प्रक्रिया शुरू की है। पहली बार उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेकर एक संरचित प्रक्रिया के तहत नियुक्तियां की जा रही हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ के नेतृत्व में यह कवायद की जा रही है। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद पार्टी जमीनी स्तर पर पुनर्गठन के प्रयास में जुट गई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राज्य इकाई को जिला और तालुका अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि उम्मीदवारों की पार्टी के प्रति निष्ठा और कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा में आस्था सबसे अहम होनी चाहिए।
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया, “अब उम्मीदवार की आर्थिक स्थिति या सामाजिक प्रसिद्धि का कोई महत्व नहीं है। पहले आर्थिक ताकत के आधार पर नियुक्तियां होती थीं, लेकिन अब विचारधारा की प्रतिबद्धता को प्राथमिकता दी जा रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि चयन समिति को यह सुनिश्चित करना होगा कि चयनित व्यक्ति पूंजीवादी प्रभावों से मुक्त हो, संकट में पार्टी के साथ खड़ा रहे और आम जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हो। “कोई व्यक्ति गरीब परिवार से भी आता है तो उसे अवसर मिलेगा, यह देखना अब जरूरी है कि वह कितना समर्पित है।”
शॉर्टलिस्ट किए गए नाम कांग्रेस आलाकमान को भेजे गए हैं। वहां एक तीसरी पार्टी द्वारा सत्यापन प्रक्रिया की जा रही है। राहुल गांधी स्वयं इस चयन प्रक्रिया पर नजर रखे हुए हैं, ताकि योग्य और ईमानदार कार्यकर्ताओं को नेतृत्व के अवसर दिए जा सकें। उनका उद्देश्य है – संगठन को मजबूत बनाना और विचारधारा से जुड़े कर्मठ कार्यकर्ताओं को आगे लाना।