शिमला, 9 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट को लेकर सोमवार को एक बड़ी सुरक्षा चुनौती सामने आई जब आत्मघाती हमलावर द्वारा विस्फोटक उपकरण ले जाने की धमकी की झूठी सूचना पुलिस को मिली। इस संभावित खतरे को देखते हुए शिमला पुलिस ने तुरंत हाई अलर्ट घोषित कर दिया और उच्च स्तर की सुरक्षा कार्रवाई को अंजाम दिया।
जानकारी मिलते ही डीआईजी साउदर्न रेंज अंजुम आरा के नेतृत्व में बम निरोधक दस्ते, क्विक रिएक्शन टीम, डॉग स्क्वॉड और विशेष अभियान बल मौके पर पहुंच गया। हाईकोर्ट परिसर में मौजूद सभी न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं, कर्मचारियों और आम नागरिकों को तत्काल परिसर से सुरक्षित बाहर निकाला गया। सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पूरे कोर्ट परिसर को खाली कर सील कर दिया गया।
इसके बाद बम निरोधक दस्ते और सुरक्षा टीमों ने हाईकोर्ट के हर कमरे, गलियारे, प्रवेश और निकास द्वार की गहन तलाशी ली। चार घंटे तक चले इस व्यापक तलाशी अभियान में किसी भी प्रकार की विस्फोटक सामग्री या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। अंततः इसे एक झूठी सूचना करार दिया गया, लेकिन पुलिस की तत्परता और समन्वित कार्रवाई ने संभावित खतरे को टाल दिया।
पुलिस अधीक्षक शिमला की ओर से जारी बयान में बताया गया कि हाईकोर्ट परिसर को चरणबद्ध और सुरक्षित तरीके से सामान्य कामकाज के लिए फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
शिमला पुलिस ने आम जनता से संयम बरतने की अपील की है और कहा है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि, व्यक्ति या वस्तु दिखने पर तत्काल पुलिस को सूचित करें। इस प्रकार की झूठी सूचनाएं न केवल प्रशासन को चुनौती देती हैं, बल्कि आम लोगों में भी अनावश्यक भय का माहौल बनाती हैं।
बता दें कि इससे पहले शिमला में राज्य सचिवालय को भी दो बार बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। इसे लेकर पहली बार मुख्य सचिव कार्यालय के ईमेल और दूसरी बार सीआईडी के पास धमकी भरी ईमेल आई थी, लेकिन दोनों बार जांच में पुलिस बलों को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। शिमला के अलावा अन्य जिलों के सचिवालयों को भी इसी तरह बम से उड़ाने की झूठी धमकी मिली थी।
—————
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा