गुजरात | गुजरात के सबसे समृद्ध ग्राम पंचायतों में से एक, हालोल तालुका की चंद्रपुरा ग्राम पंचायत में इस बार भी ग्रामवासियों ने चुनाव का बहिष्कार किया है। पंचायत के 8 वार्ड और सरपंच पद के लिए एक भी उम्मीदवार ने नामांकन नहीं भरा, जिससे लगातार तीसरी बार इस गांव की सत्ता वहिवटदार (प्रशासक) के हाथों में ही रहेगी।
क्या है विवाद?
चंद्रपुरा पंचायत में लगातार तीसरी टर्म से अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सरपंच पद को लेकर गांववाले नाराज़ हैं। गांव की मुख्य आबादी पटेल समुदाय की है और यहां अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बहुत ही कम है। बावजूद इसके, प्रशासन ने फिर से सरपंच की सीट को एसटी (अनुसूचित जनजाति) के लिए आरक्षित किया है।
विरोध दर्ज करवाया गया
ग्रामवासियों ने 8 मई 2025 को जिला कलेक्टर को एक पत्र लिखकर विरोध जताया था। पत्र में कहा गया था कि गांव में अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या नगण्य है, फिर भी बार-बार सरपंच पद उनके लिए आरक्षित कर दिया जाता है। इसके चलते योग्य व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ पाते और प्रशासनिक व्यवस्था बाधित होती है।
गांव की आर्थिक स्थिति
- जनसंख्या: 681 लोग
- मतदाता: 327
- वार्षिक राजस्व: ₹1 करोड़
- भंडार (फंड): ₹9 करोड़
गांव की आय इतनी अधिक इसलिए है क्योंकि हालोल इंडस्ट्रियल एरिया इसी गांव की सीमा में आता है। कई बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियां यहां स्थित हैं।
आरक्षण नीति से नाराज़ गांववालों ने इस बार भी किसी भी पद के लिए नामांकन नहीं भरा, जिसके चलते यहां फिर से चुनाव नहीं होंगे और प्रशासन की ओर से नियुक्त अधिकारी ही पंचायत का संचालन करेंगे।