भागलपुर, 16 जून (हि.स.)। बिहार में भागलपुर जिला स्थित नवगछिया अनुमंडल के ध्रुवगंज निवासी एक युवक ने केले से अपनी पहचान बना ली है। अब उसने केले के पेड़ से ऐसी चीजें तैयार कर रहे हैं जो पीएम मोदी के मुहिम वेस्ट टू वेल्थ, वोकल फ़ॉर लोकल सेव नेशन सेव ग्रीन जैसे मुहिम को साकार कर रहे हैं। इसके साथ ही पर्यावरण प्लास्टिक मुक्त हो, किसानों की आमदनी बढ़े इसपर कार्य कर रहे हैं।
भागलपुर जिले के नवगछिया के छोटे से गांव ध्रुवगंज निवासी गोपाल जी की जिन्होंने 9 साल की उम्र में केले के पेड़ (थम्ब) से बिजली पैदा की थी। इसके बाद केले पर रिसर्च करते चले गए। अब उन्होंने केले के पल्प से प्लेट सिंगल यूज प्लास्टिक पेपर समेत कई चीजों को तैयार किया है, जो दुनिया में छा जाने वाला है। साथ ही प्लास्टिक मुक्त भारत में इसका अहम योगदान होने वाला है।
नवगछिया केले की खेती के लिए जाना जाता है। किसान पेड़ से केले को काटकर उस पेड़ को फेंक देते हैं। लेकिन गोपाल जी कुछ ऐसा कर रहे हैं जिससे केले के पेड़ की भी बिक्री होगी। गोपाल जी उन पेड़ों को खरीदेंगे साथ ही साथ उससे पल्प तैयार कर उससे प्लेट, सिंगल यूज प्लास्टिक पेपर अन्य चीजें बनाएंगे। जिसका उपयोग भारत में सबसे ज्यादा होने वाला है।
गोपाल जी ने दिल्ली में प्लांट लगाया है और बड़े स्तर पर प्लांट लगाने की तैयारी है। इसको लेकर बड़े इन्वेस्टर्स और कंपनियों से उनकी बातचीत भी हुई है। उन्होंने केले के पेड़ के पल्प से प्लेट और अन्य चीजों को बनाने की प्रक्रिया को बताया है। साथ ही बताया कि कैसे केला किसानों के लिए हरा सोना होने वाला है। गोपाल जी पर बायोपिक भी तैयार हो रही ।है बॉलीवुड के बड़े फ़िल्म निदेशक बायोपिक तैयार कर रहे हैं। इन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति और नासा के ऑफर को ठुकराया था। क्योंकि भारत मे रहकर भारत के लिए काम करने की तमन्ना है। इसके साथ ही पीएम मोदी और युवा विभाग ने उनकी सराहना की थी।
चांद पर जाने के लिए रोवर तैयार किया। इनकी टीम नासा गयी। हालांकि उस रोवर का चयन नहीं हो सका था। मूल रूप से केले को लेकर गोपाल जी जाने जाते हैं। बनाना बॉय भी इन्हें कहा जाता है। गूगल ने इन्हें इंडियाज यंगेस्ट साइंटिस्ट में पहले स्थान पर बताया है। केले की खेती से किसानों को अब केले से ही नहीं बल्कि उसके पेड़ से मुनाफा होगा। यानी कि आम के आम और गुठलियों के दाम।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर