आयोग ने पुलिस और खनन माफिया की कथित मिलीभगत पर जताई चिंता
चंडीगढ़, 12 मई (हि.स.)। प्रदेश की राजधानी से सटे पंचकूला के पिंजौर-नालागढ़ रोड, रायपुर रानी और मोरनी की पहड़ियों सहित चंडी मंदिर के आसपास अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है। सोमवार को हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने पंचकूला जिले में अवैध खनन गतिविधियों का स्वत: संज्ञान लेते हुए कड़े निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने अवैध खनन माफिया और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के चलते पर्यावरणीय नुकसान और नागरिकों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ पर भी चिंता व्यक्त की है। हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने पिंजौर-नालागढ़ रोड, मल्लाह रोड, रायपुर रानी, मोरनी, बरवाला और चंडीमंदिर सहित कई क्षेत्रों में भारी मात्रा में हो रही अवैध खनन से कानून व्यवस्था, पर्यावरण और नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए पुलिस प्रशासन को तुरंत अवैध खनन माफियाओं पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए हैं। वहीं, आयोग ने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए स्पष्ट किया कि पंचकूला जिले में अवैध खनन मामले में पुलिस और अन्य विभागों के अधिकारियों की कथित मिलीभगत के चलते हाल ही में हुई गिरफ्तारियों के बावजूद, जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन अब भी जारी है। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब अमरावती पुलिस चौकी के प्रभारी सब-इंस्पेक्टर राजबीर सिंह को ड्यूटी के दौरान अवैध खननकर्ताओं ने दौड़ाकर धमकाया। यह घटना कानून-व्यवस्था के पूर्ण पतन और सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा पर खतरे को दर्शाती है।
हरियाणा मानवाधिकार आयोग के चेयरपर्सन जस्टिस ललित बत्रा व दो सदस्य कुलदीप जैन और दीप भाटिया के पूर्ण आयोग ने अपने आदेश में बताया कि प्रतिबंधित क्षेत्रों, विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों से पांच (5) किलोमीटर के दायरे में और नदी किनारों के पास, अवैध खनन किया जा रहा है। वनों की कटाई, जल स्रोतों (ट्यूबवेल) को नुकसान और गांवों की भूमि का क्षरण जैसी व्यापक पर्यावरणीय विनाश की घटनाएं हो रही हैं।
प्रशासन की कार्यशैली को आयोग ने संदेह दायरे में रखा है, क्योंकि ग्रामवासियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की लगातार शिकायतों के बावजूद, नगर और जिला प्रशासन ने कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे कानून प्रवर्तन कर्मियों को प्रत्यक्ष धमकियां दी गई और उन पर हिंसक हमले किए गए। अवैध खनन से पारिस्थितिक विनाश, प्रदूषण और कृषि भूमि तथा जल स्रोतों को क्षति पहुंचाई है, जिससे नागरिकों के आजीविका और गरिमापूर्ण जीवन के अधिकार का उल्लंघन हुआ है।
हरियाणा मानव अधिकार आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना व जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने साेमवार काे बताया कि अयोग ने पंचकूला जिले में अवैध खनन पर प्रशासन की ओर से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसमें पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का वैज्ञानिक मूल्यांकन, खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई, निगरानी व प्रवर्तन प्रणाली को मजबूत करने की कार्ययोजना, जिसमें तकनीकी उपकरणों और सीसीटीवी कैमरों का उपयोग शामिल हो। हरियाणा सरकार के संबंधित विभागों को 19 अगस्त 2025 को आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपनी कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा