नई दिल्ली/लंदन। हीरा कारोबारी और भगोड़ा आर्थिक अपराधी मेहुल चोकसी एक बार फिर सुर्खियों में है। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी चोकसी ने अब लंदन हाई कोर्ट में भारत सरकार पर अपहरण और प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने दावा किया कि भारत सरकार उसे न केवल झूठे आरोपों को कबूल करवाना चाहती थी, बल्कि उसने विपक्षी दलों को भी इसमें घसीटने का दबाव बनाया।
“मुझे अगवा कर डोमिनिका ले जाया गया, मारपीट की गई”: चोकसी के आरोप
मेहुल चोकसी ने अदालत को बताया कि वर्ष 2021 में एंटिगुआ से उसका अपहरण किया गया और उसे डोमिनिका ले जाया गया ताकि भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को अंजाम दे सके। चोकसी का दावा है कि इस पूरी योजना के पीछे भारत सरकार थी।
लंदन कोर्ट में पेश उसके वकील एडवर्ड फिट्जगेराल्ड ने कहा, “इस मामले में जो सबूत हैं, वे स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि भारत सरकार इस अपहरण के पीछे थी।” चोकसी का कहना है कि उससे विपक्षी दलों का नाम लेने के लिए दबाव बनाया गया और मना करने पर उसे पीटा गया।
भारत सरकार का जवाब: “चोकसी के आरोप निराधार और बेबुनियाद”
भारत सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने चोकसी के दावों को पूरी तरह से खारिज किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि भारत सरकार का अपहरण या प्रताड़ना से कोई लेना-देना नहीं है, और इन आरोपों के पीछे कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
भारत ने लंदन कोर्ट में चोकसी को मिली ब्रिटिश कानूनी प्रतिरक्षा को चुनौती देते हुए अपील दायर की है। फिलहाल कोर्ट यह तय कर रही है कि इस अपील पर सुनवाई कब शुरू की जाएगी।
पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी: चोकसी और नीरव मोदी
गौरतलब है कि मेहुल चोकसी और नीरव मोदी पर 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के पीएनबी बैंक फ्रॉड में शामिल होने का आरोप है। 2018 में घोटाला उजागर होने के बाद दोनों देश छोड़कर फरार हो गए थे। नीरव मोदी ब्रिटेन में है और उसके प्रत्यर्पण पर कानूनी कार्यवाही चल रही है, वहीं चोकसी एंटिगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले चुका है।