RBI के दरों में कटौती के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में आवासीय मांग बढ़ने की उम्मीद

RBI के दरों में कटौती के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में आवासीय मांग बढ़ने की उम्मीद

नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 5.5% पर लाने के निर्णय के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में आवासीय मांग में उछाल की उम्मीद की जा रही है। गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में लिया गया यह फैसला बाजार की अपेक्षित 25 बेसिस पॉइंट की कटौती से कहीं अधिक है।

गृह ऋण पर EMI होगी सस्ती, खरीदारों की पहुंच में आएंगे घर
ANAROCK ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि यह कदम होम लोन पर ब्याज दरें घटाकर EMI को किफायती बनाएगा, जिससे खरीदारों की क्रय-शक्ति बढ़ेगी, खासकर किफायती और मिड-सेगमेंट हाउसिंग में। उन्होंने यह भी कहा कि महामारी के बाद सबसे ज्यादा गिरावट इन्हीं सेगमेंट्स में देखी गई थी।

CRR में कटौती से बैंकों के पास अधिक पूंजी
RBI ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में 100 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 4% से घटाकर 3% कर दिया है, जिससे सिस्टम में ₹2.5 लाख करोड़ की अतिरिक्त तरलता आएगी। इससे बैंकों को अधिक ऋण देने की क्षमता मिलेगी।

रियल एस्टेट दिग्गजों की राय:

  • प्रदीप अग्रवाल, चेयरमैन, सिग्नेचर ग्लोबल: यह फैसला ऐसे समय में आया है जब महंगाई नियंत्रण में है और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन की ज़रूरत है। सस्ती पूंजी के चलते अधिक खरीदार बाजार में आएंगे और परियोजनाओं के लिए डेवलपर्स को पूंजी मिल सकेगी।
  • मैनिक मलिक, CFO, BPTP: डेवलपर्स और होमबायर्स दोनों के लिए यह दर में कटौती वरदान साबित हो सकती है। सस्ती पूंजी से परियोजनाओं को गति मिलेगी और घरों की कीमतें आम लोगों की पहुंच में रहेंगी।
  • अवनीश सूद, डायरेक्टर, ईरोस ग्रुप: इस कटौती से टियर 2 और 3 शहरों में प्रोजेक्ट्स की लागत कम होगी और प्राइसिंग रणनीति में लचीलापन आएगा। लेकिन, यह जरूरी है कि बैंक तुरंत दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं।
  • मंजू याग्निक, उपाध्यक्ष, नाहर ग्रुप व सीनियर VP, NAREDCO महाराष्ट्र: यह दर कटौती घर खरीदना आसान बनाएगी, खासकर पहले बार खरीदने वालों के लिए। इससे अनसोल्ड इन्वेंट्री भी घटेगी और सेक्टर में नकदी का प्रवाह सुधरेगा।
  • कनिका सिंह, CRO, IMGC: यह पिछले 3 वर्षों में सबसे कम रेपो दर है। होम लोन ब्याज दरें अब और नीचे जा सकती हैं, जिससे EMI में स्पष्ट राहत मिलेगी। हालांकि इसका प्रभाव तभी दिखेगा जब बैंक त्वरित ट्रांसमिशन करेंगे।
  • अंशुल जैन, CEO, कुशमैन & वेकफील्ड: इस कटौती से बड़े शहरों में मिड सेगमेंट हाउसिंग को बल मिलेगा। वहीं, डेटा सेंटर्स, इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स जैसे सेक्टर्स में निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
  • जश पंचामिया, एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर, जयपी इंफ्राटेक: पहले से ही कई बैंक 8% से कम पर होम लोन दे रहे हैं, और यह निर्णय दरों को और नीचे लाने की संभावना बढ़ाता है, जिससे सभी हाउसिंग सेगमेंट्स में मांग को बल मिलेगा।

निष्कर्ष:
RBI की यह दर कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन साबित हो सकती है। कम EMI, बढ़ी हुई खरीदार क्षमता, और डेवलपर्स के लिए सस्ती पूंजी इस क्षेत्र को दोबारा गति दे सकते हैं। हालांकि, इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि बैंक इस राहत को कितनी तेजी से आम उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं।

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