गुजरात सरकार की 100 दिनों में बड़ी कामयाबी, 66 लाख आबादी तक पहुंचा शुद्ध पानी
-तय किए गए 24 में से 23 योजनाएं पूरी, 96 फीसदी उपलब्धि हासिल

गांधीनगर/अहमदाबाद। देश के सभी घरों में नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘नल से जल’ मिशन संचालित है। गुजरात में, मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के मार्गदर्शन में, चालू वर्ष के बजट में कुल 6,000 करोड़ रुपये के प्रावधान के मुकाबले ‘नल से जल’ योजना को और तेज करने के लिए 2602 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।जल आपूर्ति मंत्री कुंवरजीभाई बावलिया ने कहा कि इस मिशन के तहत शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के पहले 100 दिनों में विभिन्न विभागों ने जनकल्याण के लक्ष्य निर्धारित किये हैं। जलापूर्ति से 24 परियोजनाओं को 100 दिन में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। जिसके तहत 24 में से 23 योजनाओं को पूर्ण कर ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं का लाभ देना शुरू कर दिया गया है। अभी तक लक्ष्य का 96 प्रतिशत प्राप्त कर लिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप गुजरात के 66 लाख से अधिक लोगों को अपने घरों में स्वच्छ पेयजल का लाभ मिला है। मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, सूरत, नर्मदा, जूनागढ़, भावनगर, अमरेली, गिर सोमनाथ, छोटाउदेपुर, पाटन, खेड़ा, बनासकाठा, पंचमहल, वडोदरा और तापी के ग्रामीण क्षेत्रों को लाभ मिल रहा है। मंत्री ने कहा कि गुजरात सरकार ने राज्य के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अथक प्रयास किए हैं।

गुजरात मॉडल ने एक बार फिर बेहतरीन उदाहरणआज ग्रामीण क्षेत्रों में 3,200 एमएलडी पीने का पानी मुहैया कराकर गुजरात मॉडल ने एक बार फिर बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। मंत्री ने आगे कहा कि जल आपूर्ति विभाग को राज्य सरकार द्वारा कुल 905 गांवों में 8 योजनाओं के काम शुरू करने और अगले 100 दिनों में 27 लाख लाभार्थियों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य दिया गया था। जिसके तहत 100 दिन में 1,138 गांवों के कुल 15 प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। इन योजनाओं के पूरा होने के बाद अहमदाबाद, कच्छ, जूनागढ़, गंगानगर, तापी, मेहसाणा, नवसारी, छोटाउदेपुर, अमरेली और महिसागर जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के 32 लाख से अधिक ग्रामीण लाभान्वित होंगे।
सभी जिलों में प्रयोगशालाएं कार्यरत
जल गुणवत्ता परीक्षण का विवरण देते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य में जल गुणवत्ता परीक्षण के लिए 1 राज्य प्रयोगशाला, 33 जिला स्तरीय प्रयोगशालाएं और 45 तहसील स्तर की एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं। गुजरात जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने पीने के पानी के नमूने की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए जिला और तहसील स्तर पर राज्य भर में 80 प्रयोगशालाओं और ग्राम पंचायत स्तरों पर क्षेत्र परीक्षण किट के माध्यम से 100 दिनों में 120000 नमूने परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया था।
इसकी तुलना में कुल 192000 नमूनों का सफल परीक्षण कर 160 फीसदी काम पूरा किया गया। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की वितरण व्यवस्था को सुचारू करने के लिए राज्य सरकार ने 100 दिनों में पंचायतों के अधीन 7000 ऑपरेटर्स को प्रशिक्षण टूलकिट देने का लक्ष्य की तुलना में 8166 आपरेटर्स को टूलकिट प्रदान किए। इसके लिए राज्य के 33 जिलों में 241 तहसीलों में आईटीआई केन्द्रों में आपरेटर्स को प्रशिक्षण दिया गया।