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नहीं सुधरेगा चीन, हिंद महासागर में बदले 19 जगहों के नाम

2 फरवरी को चीन ने अरुणाचल में 11 स्थानों के बदले थे नाम

हिंद महासागर। चीन अपनी हरकतों से कभी बाज नहीं आता वह हमेशा कोई ऐसा काम करता ही रहता है जिससे भारत भारत चीन बॉर्डर पर अक्सर तनाव रहता है। जिसके कारण चीन के विस्तारवादी रवैये का पूरी दुनिया विरोध करती है। शातिर और चालबाज चीन ने पहले चुपके से अरुणाचल प्रदेश के गांवों के नाम बदल दिए थे, जिसकी भारत ने निंदा की थी। अब दक्षिणी हिंद महासागर में 19 स्थानों के नाम बदले हैं। चीन की तरफ से दक्षिण हिंद महासागर में 19 तलों के नाम बदलने की हिमाकत की गई है। चीन की ओर से की गई यह कार्रवाई भारत कीसंप्रभुता और हिंद महासागर के इलाके में भारतीय प्रभाव पर सीधा दखल है। एक महीने के भीतर शी जिनपिंग की भारत की संप्रभुता के साथ छेड़छाड़ की यह दूसरी हिमाकत है। इसे चीन के विस्तारवादी रवैये और हिंद क्षेत्र में चीन की बढ़ती दखल के रूप में देखा जा रहा है।

2 फरवरी को अरुणाचल में 11 स्थानों के नाम बदलने की सामने आई थी बात

इससे पहले 2 फरवरी को चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नाम बदल दिए थे। इसकी भारत ने कड़ी निंदा की थी और चीनी दावों को सिरे से नकार दिया था। चीन के दक्षिण हिंद महासागर में जिन 19 जगहों के नाम बदलने की बात सामने आई है, वे भारतीय प्रायद्वीप से करीब 2000 किलोमीटर दूर हैं। चीनी मीडिया ने इसे बीजिंग का ‘सॉफ्ट पॉव्र‘ प्रोजेक्शन कहा है। बता दें कि 2011 में इंटरनेशनल सी बेड एथॉरिटी ने चाइना ओशियन मिनरल रिसोर्सेस आरएंडडी एसोसिएशन यानी सीओएमआरए के साथ मेडागास्कर के पास हिंद महासागर के दक्षिण पश्चिम रि में 15 साल के लिए एक उत्खनन अनुबंध किया थ, जो चीन की मुख्य भूमि से दूर था।

इन क्षेत्रों के चीन ने बदले नाम

हिंद महासागर में चीन द्वारा बदले गए 19 समुद्री तलों के नाम में 6 ओमान तट और अफ्रीकी हॉर्न से दूर जिबूती के चीनी बंदरगाह के करीब हैं। इनके अतिरिक्त मेडागास्कर के तट पर चार सी बेड फीचर्स हैं। 8 हिंद महासागर के दक्षिण पश्चिमी रिज पर और एक अंटार्कटिका की ओर गहरे हिंद महासागर के रिज फीचर्स के पूर्व में स्थित हैं। चीन ऐसी करतूतों से भारत को उकसाना चाहता है लेकिन शायद चीन भूल गया है कि अब भारत 1962 वाला भारत नहीं है यह नया भारत है और आज का भारत चीन को मिट्टी में मिलाने की ताकत रखता है।

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