पाकिस्तान के फील्ड मार्शल और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को अमेरिका दौरे के दौरान कड़वा अनुभव झेलना पड़ा। वॉशिंगटन डीसी में ओवरसीज पाकिस्तानी नागरिकों ने उन्हें ‘कातिल’, ‘तानाशाह’ और ‘अवाम का दुश्मन’ बताते हुए खुलेआम विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान फोर सीजन होटल के बाहर जमकर नारेबाजी हुई और हाथों में मुनीर विरोधी तख्तियां लहराई गईं।
“कातिल मुनीर” के नारे, वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों ने जनरल मुनीर को “इस्लामाबाद का कातिल”, “जनरल मुनीर – मास मर्डरर” और “डेमोक्रेसी का दुश्मन” जैसे नारों से घेरा। पीटीआई यूएसए (PTI USA) के आधिकारिक एक्स (Twitter) हैंडल से भी कई वीडियो शेयर किए गए हैं, जिसमें प्रवासी पाकिस्तानियों को विरोध करते हुए दिखाया गया है।
नाजिया इम्तियाज का हमला – “अपराधी तानाशाह”
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही सामाजिक कार्यकर्ता नाजिया इम्तियाज हुसैन ने एक्स पर लिखा, “हम पाकिस्तान के अपराधी तानाशाह का विरोध करने आए हैं। फासीवाद का समर्थन करने वालों को धिक्कार है।” उनका मानना है कि जनरल मुनीर ने लोकतंत्र और नागरिक स्वतंत्रता का गला घोंटा है।
फील्ड मार्शल पद, लेकिन इज्जत नदारद
पाकिस्तानी सरकार ने मई 2025 में जनरल आसिम मुनीर को ‘फील्ड मार्शल’ का दर्जा देकर प्रमोशन तो दे दिया, लेकिन यह कदम सेना की छवि सुधारने में नाकाम रहा है। खासतौर पर ओवरसीज पाकिस्तानियों में उनके खिलाफ नाराज़गी साफ दिख रही है।
भारत से हार, फिर भी पदोन्नति?
जनरल मुनीर की पदोन्नति पर सवाल इसलिए भी उठे क्योंकि हाल ही में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान को सैन्य रूप से पीछे धकेल दिया था। बावजूद इसके, शहबाज शरीफ सरकार ने उन्हें फील्ड मार्शल बना दिया और कहा कि ‘ऑपरेशन बुन्यानुम मरसूस’ सफल रहा। लेकिन विरोधियों के अनुसार यह सिर्फ एक दिखावा है।
लोकतंत्र बनाम बंदूक
प्रदर्शन में लगे बैनर्स पर लिखा था — “जब बंदूकें गरजती हैं, लोकतंत्र मर जाता है” और “आसिम मुनीर, तुम्हारा वक्त खत्म हो गया। पाकिस्तान फिर उठेगा।” इससे साफ है कि पाकिस्तान की सेना की राजनीति में दखल और जनरल मुनीर की भूमिका पर लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ है।