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बागेश्वर बाबा के कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के आगमन को लेकर उत्सुकता भी खूब है

  • भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए बाबा को निकाला : मनीष दोषी
  • अच्छे काम में विघ्न डाल रही है कांग्रेस : संगीता पाटिल

सूरत/अहमदाबाद । गुजरात (Gujarat) में बागेश्वरधाम (BagheswarDham) के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के दिव्य दरबार( Divya Darbar) का आयोजन किया गया है। आयोजकों द्वारा तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। उधर, गुजरात में विवादों से घिरे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के दिव्य दरबार का विरोध तेज हो गया है।लेकिन बाबा के चाहने वालों पर इसका कोई प्रभाव नहीं होने वाला है, क्योंकि सूरत लिंबायत (Surat Limbayat) इलाका मिनी भारत कहा है। यान्हा पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के आगमन को लेकर विरोध के साथ उत्सुकता भी खूब है।

आज गुजरात प्रदेश कांग्रेस ( Gujarat Pradesh Congress) कमेटी के मीडिया संयोजक व प्रवक्ता डॉ. मनीष दोषी (Dr. Manish Doshi) ने मीडिया से बातचीत की।उन्होंने कहा कि इसी तरह 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए अन्ना हजारे, बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और कई अन्य बाबाओं को लगाया गया था। इसके जवाब में लिंबायत से बीजेपी (BJP) विधायक संगीता पाटिल (Sangeeta Patil) ने कहा कि कांग्रेस (Congress) अच्छे काम में हमेशा बाधक बनती है।


सूरत में भाजपा के विधायक ही आयोजक: मनीष दोशी
मनीष दोषी ने आगे कहा कि लोकसभा 2014 और 2019 के बाद 10 साल सत्ता में रही भाजपा ने जनता से किए गए वादों का जवाब नहीं दिया है, इसलिए एक बार फिर उसी रणनीति के तहत बाबा का दिव्य दरबार आयोजित किया जा रहा है। बाबा की सभा के आयोजकों में सूरत के एक बीजेपी विधायक भी हैं।यह जांच का विषय है कि देशभर में जहां-जहां बाबा के दरबार लग रहे हैं वहां संतरी-मंत्रियों की मदद कौन कर रहा है।

मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई अंधविश्वास है- संगीता पाटिल

संगीता पाटिल ने आगे कहा कि हिंदू सनातन धर्म और देशभक्ति का संदेश देने के लिए धीरेंद्र शास्त्री दिव्य दरबार का आयोजन कर रहे हैं। जब हम कोई अच्छा काम करने जा रहे होते हैं तो कांग्रेस कुछ न कुछ अड़ंगा लगाती रहती है, लेकिन हम उस रूकावट को पार कर यहां दिव्य दरबार लगा रहे हैं।
वास्तव में देशभक्ति का ऐसा दिव्य दरबार लगे तो सभी धर्मों का स्वागत होना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि यह अंधविश्वास है। सूरत की जनता के लिए सौभाग्य की बात है। धर्मेंद्र शास्त्री पहली बार गुजरात और सूरत आ रहे हैं। एक योजना समिति बनाई गई है, जिसमें करीब 20 सदस्य हैं।

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