नई दिल्ली: एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक को भारत में सैटकॉम (सैटेलाइट कम्युनिकेशन) सेवाएं शुरू करने के लिए टेलीकॉम विभाग (DoT) से जरूरी लाइसेंस मिल गया है। शुक्रवार को आई रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मंजूरी कंपनी के भारत में वाणिज्यिक संचालन शुरू करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अब क्या होगा आगे?
सूत्रों के अनुसार, स्टारलिंक को लाइसेंस मिलने के बाद अब कंपनी 15-20 दिनों के भीतर ट्रायल स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन कर सकती है, जिसे सरकार मंजूरी देगी। इसके बाद भारत में स्टारलिंक की सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है।
भारत में कौन-कौन सी कंपनियां पहले से हैं?
स्टारलिंक भारत में इस तरह की सेवाओं के लिए लाइसेंस पाने वाली तीसरी कंपनी बन गई है। इससे पहले OneWeb (Eutelsat) और रिलायंस जियो को भी लाइसेंस मिल चुका है। वहीं, अमेजन की प्रोजेक्ट कुइपर को अभी भारत में सेवाएं शुरू करने की मंजूरी नहीं मिली है।
2022 से थी मंजूरी की प्रतीक्षा
स्टारलिंक 2022 से भारत में लाइसेंस के लिए आवेदन कर रही थी, लेकिन सुरक्षा कारणों और नीति से जुड़े विवादों के चलते यह मंजूरी अटकी हुई थी। हाल ही में स्पेक्ट्रम आवंटन के मुद्दे पर कंपनी और मुकेश अंबानी की जियो के बीच टकराव भी हुआ था। केंद्र सरकार ने एलन मस्क के इस विचार का समर्थन किया है कि स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं, बल्कि आवंटन होना चाहिए।
कब शुरू होंगी सेवाएं?
7 मई को स्टारलिंक को टेलीकॉम विभाग से Letter of Intent (LOI) मिल चुका था, जो एक शुरुआती प्रक्रिया होती है। अब जबकि कंपनी को मुख्य लाइसेंस मिल गया है, उम्मीद की जा रही है कि स्टारलिंक जल्द ही भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू कर देगी।
स्टारलिंक का लक्ष्य:
भारत में 90 करोड़ इंटरनेट यूज़र्स तक पहुंच बनाना।