
गांधीनगर/अहमदाबाद। राजकोट के ईपीएफओ उपायुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है। उपायुक्त नीरज सिंह 12 लाख रुपए के रिश्वत मामले में पिछले एक महीने से फरार थे। सीबीआई कोर्ट में उनके हाजिर होने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
राजकोट में एक सरकारी कॉन्ट्रेक्टर से पीएफ को लेकर रिश्वत मांगी गई थी। पीएफ उपायुक्त के बदले रिश्वत लेते चिराग जसाणी को रंगे हाथ पकड़ा गया था। वहीं पीएफ उपायुक्त नीरज सिंह अपने घर में ताला लगाकर फरार हो गया था। इसके बाद सीबीआई ने उनके आवास को सील कर दिया था। सीबीआई कार्यालय में हाजिर होने पर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। शुक्रवार को उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगा जाएगा। साथ ही सील किए गए आवास पर लेजाकर जांच की जाएगी।
यह था मामला
राजकोट ईपीएफओ कार्यालय में उपायुक्त के तौर पर कार्यरत नीरजसिंह ने उद्योगों और सरकारी कांट्रेक्टरों की त्रुटिया निकालकर नोटिस भेजा था। राजकोट के अक्षर मार्ग पर कंसल्टिंग ऑफिस चलाने वाले चिराग जसाणी ने उद्योग गृहों और कांट्रेक्टरों से सम्पर्क कर सेटिंग करा देने की बात कही। सूचना के अनुसार जसाणी ने कई लोगों से लाखों रुपए की वसूली की। मामले में गोंडल रोड पर स्थित सरकारी कॉन्ट्रेक्टर ने गांधीनगर में सीबीआई कार्यालय से सम्पर्क कर शिकायत की गई। इसके बाद सीबीआई ने करीब एक महीने तक दोनों के मोबाइल फोन ट्रेस करना शुरू किया। इसमें पता चला कि कांट्रेक्टर से पहले 20 लाख, बाद में 13 लाख और अंत में 12 लाख रुपए देने का तय किया गया। रकम गोंडल रोड पर आंगड़िया फर्म से आने की सूचना दी गई। इसके बाद एजेंट चिराग जसाणी रकम लेने आंगड़िया फर्म पर पहुंचा। वहीं गांधीनगर से आई सीबीआई की टीम ने गोंडल रोड पर आंगड़िया फर्म के बाहर पहले से जाल बिछा दिया। 20 मई, 2023 को चिराग को दो लाख रुपए लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। चिराग को सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जिसमें उसका तीन दिन का रिमांड मंजूर किया गया। लेकिन, पीएफ उपायुक्त नीरज सिंह अपने घर में ताला लगाकर फरार हो गए थे।