कौन है लवली जिसके डांस पर हर कोई हो जाता है फिदा, जानिए विक्रम से लवली बनने की पूरी कहानी
लवली को पीछा करते लोग होटल तक पहुँच जाते हैं

Surat: अब रंगों का त्योहार होली और धूलेठी का काउंटडाउन बस कुछ ही घंटे दूर है। हालांकि पूनम दो दिन होने के कारण होलिका दहन 6-7 मार्च को दोपहर 12.40 बजे से शाम 5.56 बजे के बीच बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर और उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में होगा। देश भर में आयोजित होने वाले होलिका दहन की तैयारी गुजरात में भी जोरों पर है। गुजरात में राजस्थानी लोगों की होली वाकई लुत्फ उठाने लायक होती है। साथ ही सूरत में रहने वाले राजस्थानी लोग एक सप्ताह पहले से ही होली मनाना शुरू कर देते हैं।

राजस्थानी जहां नाच-गाकर फगोत्सव मनाते हैं, वहीं सूरत का फगोत्सव प्यारे के बिना अधूरा है। पहली नजर में लवली को देखकर कोई नहीं बता सकता कि यह लड़का है या लड़की। विक्रम से लवली बनने तक का सफर भी किसी फिल्मी कहानी की तरह है। लवली पिछले 18 सालों से सूरत में होली के रंगों में एक और रंग भरती आ रही है। विक्रमसिंह जब लवली बनते हैं तो उनकी अदाकारी देखकर मन को सुकून मिलता है।

राजस्थान में पाली के पास एक बहुत छोटे से गांव से आने वाले विक्रम आज सूरत में लवली नाम से ऐसी धूम मचा रहे हैं कि होली के तमाम कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति अनिवार्य हो गई है जब तक लवली अपना लोकनृत्य राजस्थानी परिवारों के बीच नहीं करती, तब तक होली का रंग फीका रहता है। लवली आदमी होने के कारण परिवार के लोग भी उनके साथ खूब मस्ती और मस्ती में डांस करते नजर आते हैं। लवली ने होली के लोकगीतों पर अपनी नृत्य शैली से सभी का मन मोह लिया।

लवली के लिए डांस चाहत के साथ साथ मजबूरी भी है। होली के त्योहार में पेट भरने के लिए लवली डांस करती है। इस दौरान लवली को काफ़ी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। इतना ही नहीं, ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जहां लोगों ने कई बार होटल तक लवली के कार का पीछा किया है। जबकि कई लोग परफॉर्मेंस के दौरान गलत तरीके से टच भी करते हैं। रंगों के त्योहार में मनोरंजन जरूरी है, लेकिन अपनी रोजी-रोटी कमाने को मजबूर व्यक्ति के साथ इस तरह की बदसलूकी समाज में व्याप्त विकृत मानसिकता को उजागर करती है।