Gujarat

G 20: गांधीनगर में एकीकृत जल संसाधन के व्यवस्थापन पर हुआ विमर्श

भारत के परंपरागत व आधुनिक जल व्यवस्थापन को प्रतिनिधियों ने निहारा

गांधीनगर- गुजरात की राजधानी गांधीनगर के महात्मा मंदिर में सोमवार को जी 20 बैठकों के तहत पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह की दूसरी बैठक (ईसीएसडबल्यूजी) शुरू हुई। 29 मार्च तक चलने वाली बैठक में पर्यावरण, मौसम, आपदा प्रबंधन और ऊर्जा संरक्षण समेत मुद्दों पर विचार-विर्मश किया जाएगा। इसमें 19 जी 20 सदस्य देशों के प्रतिनिधि समेत 9 आमंत्रित देश और 13 अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि मिलाकर कुल 130 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

जल संसाधनों और व्यवस्थापन के श्रेष्ठ अभ्यासों की प्रस्तुति

केन्द्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की विशेष सचिव देबाश्री मुखर्जी ने प्रारंभिक उद्बोधन में कहा कि जल संसाधनों के सर्वग्राही रूप से व्यवस्थापन देश के विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने जल संसाधन के क्षेत्र में आपसी सहयोग और ज्ञान साझा करने पर बल दिया। उन्होंने जल संसाधन के क्षेत्र में महत्व के कार्य, सफल कार्यक्रमों और नवीन प्रयोगों की सराहना की। साथ ही देश के तकनीकी अनुभवों, श्रेष्ठ प्रथाओं के आदान प्रदान के जरिए संसाधनों के विकास और संचालन में अत्याधुनिक साधनों और तकनीक के उपयोग पर बल दिया। समारोह में विदेश से आए प्रतिनिधियों ने जल संसाधन के व्यवस्थापन पर श्रेष्ठ अभ्यासों की प्रस्तुति दी।

‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’

समापन टिप्पणी के दौरान,मुखर्जी ने प्रतिनिधियों को उनकी सक्रिय भागीदारी और जल संसाधन प्रबंधन पर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जी 20 देशों के प्रतिनिधियों ने दुनिया भर से पानी के मुद्दों और चुनौतियों का समाधान देने वाली प्रस्तुतियां सौहार्दपूर्ण व अभिनव तरीके पेश किया है। यह निश्चित रूप से सभी जी20 सदस्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा ऐसे सहयोगी वैज्ञानिक प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाता है क्योंकि हम ‘सार्वभौमिक भाईचारे और सामूहिक ज्ञान’ की अवधारणा में वास्तव में विश्वास करते हैं। हमेशा मानव जाति और सामूहिक भलाई के लिए योगदान करते हुए, यह ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ की ओर ले जाएगा।

इन विषयों पर हुई चर्चा

जल संसाधन/इकोसिस्टम मैनेजमेंट के संकलित और स्थाई उपयोग, वाटरबॉडी रिस्टोरेशन/नदी कायाकल्प, वरसाती पानी का व्यवस्थापन, भूगर्भजल व्यवस्थापन, जलवायु परिवर्तन के लिए अनुकूलता और जल कार्यक्षमता का अभिगम, अकाल/बाढ़ व्यवस्थापन, नागरिक समाज की भागीदारी पर फोकस साथ ही वाटरशेड मैनेजमेंट, सक्षम वाटर गर्वनेंस, सुरक्षित पीने का पानी और गंदे पानी का व्यवस्थापन, जलापूर्ति में वृद्धि और सहभागी भूगर्भजल व्यवस्थापन पद्धतियां शामिल हैं। जी 20 के सदस्य-प्रतिनिधयों ने अटल जल, स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन, नमामि गंगे प्रकल्पों का दौरा किया। जल शक्ति मंत्रालय के तहत संगठनों द्वारा जल शक्ति में विभिन्न विषयों को प्रदर्शित करने और गुणवत्तापूर्ण कार्यों को साझा करने वाले प्रदर्शनी स्टालों का दौरा किया।

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