
वडोदरा में 111 फीट की स्वर्ण युक्त महादेव की मूर्ति का 18 को सीएम करेंगे लोकार्पण
सुरसागर तालाब के बीचोबीच है 12 करोड़ की लागत से बनी शिव की प्रतिमा
मूर्ति निर्माण में हुआ है 17.5 किलो सोने का इस्तेमाल
वडोदरा। वडोदरा शहर के सुरसागर तालाब के बीचोबीच 111 फीट ऊंची शिव की प्रतिमा का शिवरात्रि के दिन 18 फरवरी को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल लोकार्पण करेंगे। महाशिवरात्रि से पूर्व मूर्ति को ढकने के लिए इस्तेमाल हुए कपड़े को गुरुवार को हटा दिया गया। इससे चारों और भोलेशिव के मनोहारी स्वर्णिम मुखमंडल की छटा फैल गई। इसे देखने लोगों की भीड़ जमा हो गई।

वडोदरा के सुरसागर तालाब के बीच स्थापित शिव की प्रतिमा जहां 111 फीट ऊंची है, वहीं इसके निर्माण में 12 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसके निर्माण में 17.5 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है। देवाधिदेव महादेव की आराधना के लिए महाशिवरात्रि पर परंपरागत रूप से वडोदरा शहर में शिवजी की सवारी निकाली जाती है। आयोजक सत्यम शिवम सुंदरम समिति इसकी तैयारी में जुटा है। इसके साथ इस बार का आकर्षण शिव की 111 फीट ऊंची स्वर्णयुक्त प्रतिमा होगी। सावलीवाला स्वामीजी की प्रेरणा से देश के उज्जैन में निकलने वाली शिवजी की सवारी वडोदरा में भी समस्त शिव परिवार के साथ निकाली जताती है। यह परंपरा वर्ष 2013 से लगातार चली आ रही है। इस यात्रा में समस्त वडोदरावासी बड़े ही हर्ष और उल्लस से जुड़ते हैं। इसी दौरान वर्ष 2017 में सर्वेश्वर महादेव की 111 फीट ऊंची स्वर्णयुक्त प्रतिमा बनाने का संकल्प श्रद्धालुओं ने लिया। इससे पूर्व 1996 में श्री सर्वेश्वर महादेव की प्रतिमा का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। वर्ष 2002 में महाशिवरात्रि के दिन बीएपीएस के ब्रह्मस्वरूप प्रमुख स्वामी ने इस प्रतिमका लोकार्पण किया था।

इसके बाद 5 अगस्त 2020 को एक ओर अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राममंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराया वहीं वडोदरा में श्री सर्वेश्वर महादेव की प्रतिमा को स्वर्णयुक्त करने का कार्य शुरू किया गया। शिव की प्रतिमा को स्वर्णयुक्त करने के लिए अमेरिका में भारतीय मूल के डॉ किरण पटेल और देश विदेश के कई दाताओं ने 12 करोड़ रुपए का फंड इकट्ठा किया। इसमें वडोदरा समेत समस्त गुजरात और देश के कई हिस्सों से श्रद्धालुओं ने उदारतापूर्वक सहयोग किया। महाशिवरात्रि के दिन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल इस प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे। वहीं दिन के 3.30 बजे परंपरा अनुसार प्रतापनगर स्थित रणमुक्तेश्वर महादेव के मंदिर से नंदी पर विराजित शिव परिवार नगरयात्रा करेंगे। शिव की सवारी वाडी-चोखंडी, मांडवी-न्यायमंदिर, मार्केट, दांडिया बाजार होकर शाम 7 बजे सुरसागर तालाब पहुंचेगी। यहां 7.15 बजे महाआरती होगी। इसके बाद स्वर्णयुक्त महादेव की प्रतिमा का लोकार्पण किया जाएगा। महाआरती के बाद शिवजी की सवारी परंपरागत रूट पर आगे बढेगी और उदयनारायण मंदिर सलाटवाडा जाकर पूरी होगी।

सुरसागर तालाब के बीच विराजित श्री सर्वेश्वर महादेव की 111 फीट की प्रतिमा, प्लेटफॉर्म और स्तंभों का निर्माण अष्टसिद्धि यंत्र विद्या पर की गई है। प्रतिमा और इसके प्लिंथ से लेकर पूरे स्ट्रक्चर को बनाने में अंकशास्त्र, ज्योतिष विज्ञान, ग्रह विज्ञान, रंग विज्ञान, स्पंदनशास्त्र और राशि कुंडली का सहारा लिया गया है। उड़ीसा के कारीगर राजेन्द्र नायक और उनकी पूरी टीम ने प्रतिमा को स्वर्णयुक्त किया है। यह टीम पूर्व में अंबाजी, शिरडी के साईंबाबा समेत देश के 50 से अधिक धार्मिक स्थलों पर सोने का आवरण चढ़ाने का काम कर चुके हैं। मूर्ति पर कागज जितने पतले सोने का 4 से 5 लेयर चढ़ाया गया है। तूफान या भूकंप में यदि मूर्ति किसी भी दिशा में 8 से 10 इंच भी झूके तो इसे कोई नुकसान नहीं होगा। प्रतिमा पूर्वाभिमुख है।