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Government’s New Plan: खुद जुड़ जाएगा वोटरलिस्ट में आपका नाम

सबसे बड़ा फायदा होगा कि सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से बचा जा सकेगा

केंद्र सरकार एक नया बिल लाने की तैयारी कर रही है। अगर ये बिल कानून बनता है तो 18 साल के होते ही व्यक्ति का नाम खुद-ब-खुद वोटर लिस्ट में जुड़ जाएगा। इसी तरह उसकी मौत होने पर नाम अपने आप हट भी जाएगा। क्या है सरकार का प्लान और इसका जनगणना से क्या है कनेक्शन ? समझें…

इससे फायदा क्या होगा?

  • ई- जनगणना में हर जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन – करने का टारगेट रखा गया है। यानी, इसके बाद देश की जनगणना में अपने आप अपडेट हो जाएगी।
  • इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से बचा जा सकेगा। नाम और एड्रेस में बदलाव करना भी आसान होगा। इसमें कितना खर्चा आएगा ?
  • हमारे देश में पहली बार ई-जनगणना होगी। पहली बार ऐसा होगा जब मोबाइल ऐप के जरिए लोगों का डेटा जुटाया जाएगा. इसमें कितना खर्च आएगा? इस बारे में अभी कुछ साफ नहीं है। लेकिन 2019 में केंद्रीय कैबिनेट ने 2021 की जनगणना के लिए 8,754 करोड़ रुपये को मंजूरी दी थी।

कब तक होगी जनगणना ?

  • ·जनगणना का काम 1 मार्च 2021 तक हो जाना था। वहीं, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 1 अक्टूबर 2020 तक जनगणना होनी थी।
  • जनगणना के लिए घरों की लिस्टिंग और नेशनल – पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने का काम 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच होना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण ये नहीं हो सका।
  • इस साल जनवरी में ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार एंड सेंसस ने सभी राज्यों को 30 जून तक प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज करने को कहा है। नियमों के मुताबिक, सीमाएं तय होने के तीन महीने बाद ही जनगणना हो सकती है ऐसे में जनगणना का काम भी 30 सितंबर तक टल गया है।

भारत में कब से हो रही है जनगणना ?

  • हमारे देश में 1865 से जनगणना होनी शुरू हुई है·जनगणना का काम 1 मार्च 2021 तक हो जाना था. वहीं, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 1 अक्टूबर 2020 तक जनगणना होनी थी। 1865 से 1941 तक जनगणना अंग्रेजों के शासन में हुई। आजादी के बाद 1951 से हर 10 साल के अंतर पर जनगणना हो रही है·जनगणना का काम 1 मार्च 2021 तक हो जाना था. वहीं, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 1 अक्टूबर 2020 तक जनगणना होनी थी।
  • आजादी के बाद से अब तक 7 बार जनगणना हो चुकी है। इसके बाद 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था जनगणना का काम 1 मार्च 2021 तक हो जाना था. वहीं, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 1 अक्टूबर 2020 तक जनगणना होनी थी।

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