यज्ञ है फल प्राप्ति का माध्यम, आहुति है परमात्मा का भोजन- श्री धर्मदास महाराज
यज्ञ में उमड़ रही है भक्तों की भीड़

सूरत। श्याम मंदिर के पास 9 कुण्डीय नवदुर्गा महालक्ष्मी यज्ञ का शुभारंभ हो गया है। यज्ञ से पहले महामंडलेश्वर स्वामी श्रीधर्मदास जी महाराज के सानिध्य में भव्य कलश यात्रा पुण्यभूमि से श्याम रचना से होते हुए श्याम मंदिर के बाद यज्ञ स्थल पर पहुचकर समाप्त हुई। जिसमे बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ दिखाई दी।

महिलाएं कलश सर पर उठाए जय माता जी का उदघोष करती चल रही थी। यज्ञ का कार्यक्रम श्याम मंदिर के पास,श्री लक्ष्मी धाम,आशीर्वाद एवन्यू के सामने, वीआईपी वेसु रोड़ पर किया जा रहा है। प्रतिदिन सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे व शाम को 4 बजे से रात्रि 7 बजे तक हो रहे इस कार्यक्रम में भक्तों की अच्छी भीड़ हो रही है। बता दे यज्ञ वीआईपी वेसु रॉड पर हुआ।

यज्ञ के दौरान स्वामी श्रीधर्मदास जी महाराज ने यज्ञ की महिमा बताते हुए कहा कि यज्ञ कही भी उसमे भाग लेना चाहिए।क्योंकि यज्ञ से देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है साथ ही मनचाहा फल भी प्राप्त किया जा सकता है। धर्म ग्रंथों में अग्नि को ईश्वर का मुख माना गया है। इसमें जो कुछ खिलाया (आहूति) जाता है, वास्तव में ब्रह्मभोज है। यज्ञ के मुख में आहूति डालना, परमात्मा को भोजन कराना है।