दिल्ली सरकार के व्यापार और कर विभाग ने एक बड़े जीएसटी रिफंड घोटाले का खुलासा किया है, जिसमें करीब ₹14 करोड़ की धोखाधड़ी की गई थी। इस मामले में एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जो कथित रूप से एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा था। यह नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला हुआ था और फर्जी दस्तावेज़ों के माध्यम से सरकार को चूना लगाया जा रहा था।
जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि इस गिरोह ने चार फर्जी फर्मों का निर्माण कर उन्हें वैध व्यवसायों की तरह दिखाया। इन फर्मों के नाम पर नकली लेन-देन दिखाए गए, ताकि वे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत लाभ उठा सकें और जीएसटी रिफंड का अवैध दावा कर सकें।
फर्जी कंपनियों के संचालन और जीएसटी रिफंड के दावे के लिए जाली बिल, फर्जी जीएसटी रिटर्न और गलत दस्तावेजों का उपयोग किया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपी से पूछताछ में कई और नाम सामने आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
व्यापार और कर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य राज्यों से भी इस नेटवर्क के तार जुड़े हुए हैं। विभाग ने आगे की जांच के लिए मामला संबंधित एजेंसियों को सौंप दिया है और इसमें शामिल अन्य लोगों की तलाश जारी है।
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि जीएसटी प्रणाली की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए ऐसे सभी मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।