हनुमान मन्दिर के पुजारी को हनीट्रैप में फंसाकर 75 लाख रूपये की मांग
कोर्ट ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज की

गुजरात- नर्मदा जिले के राजपिपला के पास नवरा गांव स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी को अहमदाबाद में चोरों के गिरोह ने हनीट्रैप में फंसाकर 75 लाख की फिरौती मांगने का भारी हंगामा हो गया है। राजपिपला के पास नवरा गांव में हनुमान मंदिर के पुजारी रवींद्रभाई उर्फ रमेशभाई गोधनभाई पटेल द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, वह नवरा में अंबामाता, हनुमानदादा और बहूचर माता के मंदिर में पुजारी के रूप में सेवा करता है और अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मंदिर की ऊपरी मंजिल पर रहते है।

बता दे राजपीपला में रहने वाले नरेश रमेशचंद्र गंगवानी और उनके भाई पवन गंगवानी इस मंदिर में दर्शन करने आते थे। तो उनका परिचय पुजारी रवींद्र से हुआ। पुजारी का परिचय नरेशभाई से उनकी पत्नी रोशनीबेन उर्फ हेमाबेन से भी कराया गया जो उनके साथ आती रहती थीं। गत 28-22 नवंबर को जब पवनभाई मंदिर में सेवा के लिए आए तो उन्होंने पुजारी से कहा कि मेरी भाभी रोशनीबेन का वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चल रहा है। इसलिए वह आपसे इस संबंध में बात करना चाहती है। जिसके बाद पुजारी रवींद्र ने अपना फोन नंबर महिला को दिया। शुरुआत में रोशनीबेन फोन पर भक्ति की बात करते हुए मैसेज करती थीं, लेकिन बाद में लालच को साजिश बताकर मैसेज भेजने लगीं। फिर बाद में अश्लील बातें करने लगी।

4 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज़
एक दिन रोशनीबेन ने पुजारी को वीडियो कॉल किया और कहा, मुझे तुमसे प्यार हो गया है। इसी बीच 28 फरवरी-2023 को पवनभाई राजपीपला ने आकर पुजारी के पुराने मित्र विकेश पटेल से कहा कि मेरे पास रमेशभाई भुवा रोशन का वीडियो कॉल, व्हाट्सएप मैसेज और फोन पर अश्लील बातें करते हुए वीडियो और ऑडियो क्लिप है। जिसके बाद पुजारी पर बार-बार अलग-अलग नंबरों से दबाव बनाने और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 75 लाख रुपये की मांग को लेकर फोन आने लगे। जिससे तंग आकर पुजारी रविंद्र उर्फ रमेशभाई पटेल ने अमलेथा थाने में कुल 4 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज़ करवाई।
कोर्ट ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज की
अमलेथा पुलिस ने अहमदाबाद के नरोदा के नंदीग्राम इलाके में रहने वाले नरेश रमेशचंद्र गंगानी, पवन रमेशचंद्र गंगवानी, रोशनी उर्फ हेमा नरेश गंगवानी और रमेशचंद्र गंगवानी के खिलाफ हनीट्रैप का मामला दर्ज किया। बाद में आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी। हालांकि, सरकारी वकील जितेंद्र गोहिल की दलीलों को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।