अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद हड़कंप मच गया है। इसी के चलते अब सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास स्थित 6 बाधक इमारतों को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। इन इमारतों को तोड़ने के लिए कलेक्टर ने सूरत महानगर पालिका को पत्र लिखा था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एयरपोर्ट प्राधिकरण द्वारा कई बार कलेक्टर प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया गया है। अहमदाबाद हादसे के बाद सूरत एयरपोर्ट के आसपास की बाधक इमारतों का मुद्दा एक बार फिर सतह पर आया है।
डेढ़ महीने में भी नहीं हुई कार्रवाई
सरकार द्वारा सूरत एयरपोर्ट को मुफ्त में जमीन देने की बात कही जा रही है, वहीं एयरपोर्ट अथॉरिटी भी बार-बार जमीन की मांग कर रही है। इसी विवाद के बीच एयरपोर्ट के लिए बाधा बन रही इमारतों को लेकर चिंता जताई गई है। सूरत एयरपोर्ट प्रशासन ने इन इमारतों को हटाने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा था, जिस पर कलेक्टर डॉ. सौरभ पारघी ने सूरत नगर निगम की आयुक्त शालिनी अग्रवाल को पत्र भेजकर अवैध निर्माण हटाने के निर्देश दिए थे। लेकिन इस पत्र को भेजे लगभग डेढ़ महीना बीत चुका है और अब तक नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
रनवे को छोटा करना पड़ा
हाईराइज इमारतों के कारण फ्लाइट के टेकऑफ और लैंडिंग में खतरा बढ़ गया है। इसी वजह से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने वेसु की ओर के 615 मीटर रनवे हिस्से को ब्लॉक कर दिया है। वर्तमान में रनवे की कुल लंबाई 2905 मीटर है, जिसमें से 615 मीटर ब्लॉक हो जाने के कारण केवल 2290 मीटर रनवे ही ऑपरेशन के लिए उपयोग में लिया जा रहा है