Religion

ब्राह्मण महापंचायत: ब्राह्मण समाज के गौरवशाली इतिहास का कराया गया स्मरण, केंद्र – राज्य सरकारों के सामने रखी गई विविध मांगे

राजस्थान की 50 से अधिक विधानसभा सीटें ऐसी है जिन्हें प्रभावित करते हैं ब्राह्मण वोटर

जयपुर: विप्र सेना की ओर से विद्याधर नगर स्टेडियम में रविवार को ब्राह्मण महापंचायत का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने ब्राह्मण समाज के गौरवशाली इतिहास का स्मरण कराते हुए इस गौरव को बरकरार रखने का आह्वान किया। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार से विभिन्न मांगे भी रखी। महापंचायत में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से स्व प्रेरित आए लोगों ने आखिर तक उत्साह बनाए रखा। युवाओं की टोलियां भारत माता और भगवान परशुराम की जयकार करते हुए और जब जब ब्राह्मण बोला है राज सिंहासन डोला है…. ब्राह्मण एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हुए सभा स्थल पहुंची। जयपुर के विभिन्न स्थानों से ब्राह्मणों के समूह वाहन रैली के रूप में भी सभा स्थल पहुंचे। कई युवक हाथ में फरसा लेकर भगवान परशुराम के स्वरूप में नजर आए। मातृशक्ति पीली साड़ी में उमड़ी।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भगवान परशुराम का डाक टिकट जारी किया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज यह शक्ति और एकता राष्ट्र निर्माण में लगे। ब्राह्मण अधर्म को दूर करें और धर्म को धारण करे, क्योंकि ब्राह्मण धर्म की रक्षा करने वाला है। वैष्णव ने कहा कि वे आपके भाई हैं अतः कभी सर और अश्विनी जी मत बोलना । केवल अश्विनी भाई बोलना। उन्होंने कहा कि राजस्थान को रेल बजट में 10 साल पहले 600 करोड़ मिलते थे और अब 9532 करोड़ मिल रहे है। राजस्थान के 82 रेलवे स्टेशन वर्ल्ड क्लास बनने जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण समाज ऐसी शक्ति है, जो समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट रखती है। ब्राह्मण जाति नहीं संस्कार का नाम है। जो सदैव राष्ट्र को प्रथम स्थान पर रखता है। चितोड़ सांसद सीपी जोशी ने कहा कि ब्राह्मण समाज को सदैव एक रहना चाहिए। एक दूसरे को नीचा नहीं दिखाना चाहिए।

सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि आज तक विप्र समाज को कमजोर आंका जाता था, लेकिन इस महापंचायत ने कम आंकने वालों को जवाब दे दिया। राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाडी, चौमू विधायक रामलाल शर्मा, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा, पुष्पेंद्र भारद्वाज सहित कई अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।

विप्र सेना प्रमुख सुनील तिवारी ने पुजारी और साधुओं पर होने वाले जानलेवा हमले को लेकर कहा कि उनकी रक्षा के लिए सरकारों को पूरा प्रयास करना चाहिए, अन्यथा हमें आगे आकर प्रयास करने होंगे। विप्र सेना के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश दादिया विप्र सेना की ओर से मांग की जिसमें ईडब्ल्यूएस आरक्षण को 10 से 14 प्रतिशत बढ़ाकर ओबीसी के समक्ष करने, पुजारी-साधु संतों की सुरक्षा एवं उनके – साथ दुर्व्यवहार को गैर जमानती अपराध घोषित करने, केंद्र सरकार द्वारा वित्त आयोग का गठन करने, मंदिरों के पुजारियों को सम्मानजनक भत्ता देने, मंदिरों की जमीन से अतिक्रमण हटाने और परशुराम जयंती परराष्ट्रीय अवकाश देने की मांग की।
ब्राह्मण महापंचायत में सर्व समाज के नेता भी सम्मिलित हुए जिनमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, विधानसभा उप नेता प्रतिपक्ष और विधायक राजेंद्र राठौड़, राजसमंद सांसद दीया कुमारी, पूर्व मंत्री गोलमा देवी, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी व सूरत (गुजरात ) से सामाजिक अग्रणी अमित शर्मा खंडेला भी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत आरती के साथ हुई। संत प्रकाश दास महाराज ने वंदे मातरम के गीत की प्रस्तुति की गई। शिव तांडव स्तोत्र की प्रस्तुति भी दी गई। कार्यक्रम के दौरान दो बार हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।
सूरत से गई विप्र टीम

जाट महापंचायत का असर

विप्र महापंचायत की खास बात यह थी कि लोग स्वतः स्फूर्त समाज की एकता के नाम पर जुटे। उन्हें न तो किसी आयोजक का पता था और ना ही किसी को महापंचायत के एजेंडे का पता था। भीड़ में केवल एक ही चर्चा थी कि हम तो समाज की एकता के लिए सिर गिनाने आए हैं। विप्र महापंचायत पर पांच मार्च को संपन्न जाट महापंचायत का असर भी नजर आया।

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