सौराष्ट्र क्षेत्र में प्रसिद्ध मोरबी जिले के चराडवा गांव स्थित महाकाली आश्रम के पूज्य महंत दयानंदगिरि बापू आज प्रातः ब्रह्मलीन हो गए। उनकी आयु 133 वर्ष थी। उनके निधन का समाचार मिलते ही झालावाड़, कच्छ और समस्त सौराष्ट्र क्षेत्र से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
पूज्य दयानंदगिरि बापू का जन्म 04 नवम्बर 1892 (कार्तिक सुद पूर्णिमा) को हुआ था और उनका निधन 23 मई 2025 (वैशाख वद एकादशी) को हुआ। वे 133 वर्ष के थे। ब्रह्मलीन पूज्य दयानंदगिरि महाराज की 15 फीट लंबी जटाएं लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थीं। उनके ब्रह्मलीन होने के बाद चराडवा गांव में पालखी यात्रा निकाली गई और उसके पश्चात उनके पार्थिव शरीर को समाधि दी जाएगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, चराडवा महाकाली आश्रम के पूज्य महंत दयानंदगिरि महाराज के ब्रह्मलीन होने की खबर मिलते ही क्षेत्र में शोक छा गया। उनकी पालखी यात्रा बड़े धूमधाम से निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। पालखी यात्रा चराडवा के मुख्य मार्गों से होते हुए आश्रम पहुंची, जहां उन्हें समाधि दी जाएगी।
चराडवा महाकाली आश्रम के पूज्य महंत दयानंदगिरि महाराज, ब्रह्मगिरि महाराज के शिष्य थे। उन्होंने अपने जीवन भर महाकाली आश्रम के नाम से पूरे पंथक में आध्यात्मिक ज्योति जलाए रखी और साधना की अलख जगाई। उनके तप, सेवा और साधना के कारण वे जनमानस में पूज्य और श्रद्धेय बने रहे।