Gujarat

Medha Patkar Attack Case: दिल्ली के एलजी को गुजरात हाईकोर्ट से राहत

एलजी के खिलाफ फौजदारी ट्रायल नहीं चलेगा

-वेकेशन बेंच के जज ने निचली कोर्ट के  निर्णय पर अंतरिम रोक लगाई
अहमदाबाद। दिल्ली के उप राज्यपाल (LG) को साबरमती आश्रम में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर(Medha Patkar) पर हमला मामले में गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय पर अंतरिम रोक लगाई है। अब जब तक वे लेफटनेंट गर्वनर (एलजी)हैं, तब तक उनके खिलाफ फौजदारी का ट्रायल नहीं चलेगा। इस केस के अन्य तीनों आरोपितों के समक्ष अहमदाबाद कोर्ट(Ahmedabad Court) में फौजदारी ट्रायल चालू रहेगा। 

दिल्ली के एलजी वी के सक्सेना(LG VK Saxena) करीब 21 वर्ष पुराने साबरमती आश्रम(Sabarmati Ashram) में मेधा पाटकर पर हुए हमले के मामले में आरोपित हैं। इस केस में सक्सेना ने पूर्व में अहमदाबाद कोर्ट में अपने सामने फौजदारी ट्रायल रोकने को लेकर याचिका दायर किया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए अहमदाबाद कोर्ट ने ट्रायल रोकने से इनकार कर दिया था। इसके बाद वी के सक्सेना ने इस मामले में अहमदाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने हाईकोर्ट से निचली अदालत के निर्णय को रद्द करने की गुहार लगाई थी। मामले में वेकेशन बेंच के जज एम के ठक्कर ने सक्सेना के आवेदन पर सुनवाई करते हुए निचली कोर्ट के निर्णय पर अंतरिम रोक लगा दी है।

 सक्सेना के वकील जल उनवाला ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद जब तक वे डिप्टी गर्वनर हैं तब तक सक्सेना के विरुद्ध कोई फौजदारी ट्रायल नहीं किया जाएगा। मई 2022 को वी के सक्सेना दिल्ली के एलजी बने थे। उनका कार्यकाल सामान्य रूप से 5 साल का है। मामले में सक्सेना समेत अन्य तीन लोग आरोपित हैं। इनमें से 2 हाल में विधायक हैं। 21 साल पुराने इस केस में 8 मई को अहमदाबाद कोर्ट में एडिशनल मेट्रोपॉलिटन जज पी एन गोस्वामी ने वी के सक्सेना की याचिका रद्द कर दी थी। कोर्ट ने अगली सुनवाई की अगली तारीख 5 जून को रखा है।

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