अहमदाबाद विमान हादसे के बाद एक बार फिर से सुरत एयरपोर्ट के पास बने ऊँचे और लग्जरी बिल्डिंग्स का विवाद सामने आया है। एयरपोर्ट की उड़ानों में बाधा बन रही 151 लग्जरी फ्लैट्स को खाली करने के लिए उनके मालिकों को नोटिस जारी किया गया है।
जब ये बिल्डिंग्स बनाई गई थीं, उस समय एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से NOC दी गई थी और उसी आधार पर नगर निगम ने विकास की मंज़ूरी भी दी थी। पर अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ने ही रिपोर्ट दी है कि ये इमारतें रनवे और फ्लाइट सेफ्टी में बाधा बन रही हैं और इन्हें मौजूदा स्थिति में ही रोक देना चाहिए।
पिछले 2-3 सालों में करोड़ों की लागत से बने इन फ्लैट्स को अब तक BU (बिल्ट-अप) परमिशन नहीं मिली थी, इसके बावजूद बिल्डरों ने ये फ्लैट्स बेच दिए और कई लोग इसमें रहने भी लग गए। अब अचानक नगर निगम ने फ्लैट मालिकों को नोटिस भेज कर तुरंत फ्लैट खाली करने का आदेश दिया है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो पानी और ड्रेनेज कनेक्शन काटने की चेतावनी भी दी गई है।
इसके अलावा ऐसी 6 अन्य इमारतें जो एयरपोर्ट के लिए खतरा मानी गई हैं और जिन्होंने हाईकोर्ट का रुख नहीं किया है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
एयरक्राफ्ट रूल्स 147-148 के अनुसार, एयरपोर्ट अथॉरिटी कलेक्टर को पत्र लिखकर बताती है कि कौन-कौन सी इमारतें फ्लाइट संचालन में बाधा बन रही हैं और उन्हें हटाने या तोड़ने की ज़रूरत है। हालांकि, कलेक्टर के पास पर्याप्त मैनपावर और मशीनरी नहीं है, इसलिए सुरत नगर निगम के साथ एक संयुक्त बैठक में ये तय किया गया कि यदि कलेक्टर डिमोलिशन की मंजूरी देता है, तो नगर निगम सहयोग में मैनपावर और मशीनरी उपलब्ध कराएगा। इसके लिए कोर्ट में एक एफिडेविट भी दायर किया गया है।
यह मुद्दा अब क़ानूनी और प्रशासनिक मोर्चे पर अहम बन गया है, जहां आम नागरिक, बिल्डर्स और सरकारी एजेंसियां आमने-सामने खड़ी हैं।