भरुच की माउंटेन गर्ल सीमा भगत विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ेंगी
मूल भरुच जिले की नेत्रंग तहसील के मौझा गांव की रहने वाली है सीमा

भरुच/अहमदाबाद। भरुच जिले की नेत्रंग तहसील के मौझा गांव की आदिवासी समाज की बेटी सीमा भगत विश्व की सबसे ऊंची चोटी हिमालय पर्वत शृंखला की माउंट एवरेस्ट पर चढ़ेंगी। माउंटेन गर्ल के रूप में पहचान बनाने वाली सीमा नेपाल में एवरेस्ट एक्सपिडिशन चढ़ाई करने के प्रथम चरण में हैं। पिछले साल सीमा ने दक्षिण अफ्रीकी देश तांजानिया में विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट किलीमंजारों को फतह किया था। उनकी इस उपलब्धि के बाद अब माउंट एवरेस्ट को फतह करना इनका लक्ष्य है।

तांजानिया देश में माउंट किलीमंजारो अफ्रीका की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। ऊंचाई के पैमाने पर यह विश्व की चौथी सबसे ऊंची फ्री स्टेंडिंग पर्वतमाला है। बर्फ से ढकी और विषम परिस्थिति की चढ़ाई का अनुभव नहीं होने के बावजूद सीमा ने प्रथम प्रयास में इस चोटी पर चढ़ने में सफलता पाई। किलीमंजारों पर्वतारोहण में उन्होंने 5895 मीटर (19340 फीट) पर पहुंच कर सभी को अचंभित कर दिया। दृढ निश्चय वाले मन को हिमालय भी डिगा नहीं सकता, इस उक्ति को चरितार्थ करते हुए सीमा अब हिमालय पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने का बीड़ा उठाया है। हाल वे नेपाल में एवरेस्ट एक्सपिडिशन चढ़ाई के लिए प्रथम चरण में हैं।
आगामी 60 दिनों की यात्रा को लेकर देश भर की निगाहें टिकी
एवरेस्ट विश्व की सबसे ऊंची 8848.86 मीटर ऊंची चोटी है। एवरेस्ट पर चढ़ाई पर्वातारोहणों के लिए जहां उनके जज्बे, साहस और धैर्य की परीक्षा लेता है, वहीं खतरों को पार करना भी पल-पल की चुनौती बनी रहती है। आगामी 60 दिनों की यात्रा को लेकर देश भर की निगाहें टिकी है। गुजरात समेत देशवासियों को सीमा के प्रदर्शन को लेकर बड़ी आशा है। सीमा मूल भरुच जिले की नेत्रंग तहसील के मौझा गांव की रहने वाली है। वे सरकारी उच्चतर माध्यमिक स्कूल में प्रवासी शिक्षिका के तौर पर काम करती हैं। गुजरात के पूर्वपट्टी की इस युवती को बचपन से ही पहाड़ों पर चढ़ने का शौक है। माता रमीला बेन ने बेटी को हमेशा उत्साहित किया। कुछ अलग कार्य कर नया रास्ता बनाने के पिता के मंत्र को जीवन में उतारने को लेकर सीमा की कोशिश क्या रंग लाती है, यह आने वाला समय बताएगा।