
-ओबीसी के बाद अब क्षत्रिय पर जताया भरोसा
-विधानसभा चुनाव में करारी हार का ठिकरा आखिरकार ठाकोर पर फूटा
अहमदाबाद। कांग्रेस (Congress) ने शुक्रवार को संगठन में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष को नियुक्त किया है। कांग्रेस ने शक्तिसिंह गोहिल(Shakti Singh Gohil) के स्थान पर दीपक बाबरिया (Deepak Babaria) को हरियाणा और दिल्ली के लिए एआईसीसी प्रभारी (AICC in charge) नियुक्त किया है।
राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल को गुजरात कांग्रेस (Gujarat Congress) अध्यक्ष नियुक्त किया है। लोकसभा सांसद वी वैथिलिंगम(V Vaithilingam) को पुडुचेरी कांग्रेस अध्यक्ष और वर्षा गायकवाड़ (Varsha Gaikwad) को मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया है।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस में आखिरकार बदलाव करते हुए प्रदेश अध्यक्ष की कमान राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल को सौंपी गई है। गोहिल पर अभी दिल्ली और हरियाणा के प्रभारी की जिम्मेदारी थी। वहीं गुजरात विधानसभा चुनाव में हार का ठीकरा जगदीश ठाकोर पर फोड़ते हुए उन्हें पद से हटा दिया गया है।
गुजरात में सत्य शोधक कमिटी की रिपोर्ट के बाद प्रदेश नेतृत्व पर गाज गिरना तकरीबन तय था। इस कमिटी ने गुजरात विधानसभा में कांग्रेस की करारी हार में प्रदेश नेतृत्व की कई कमियों को जिम्मेदार बताया था। इसके बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष के लिए तीन-चार नामों पर चर्चा शुरू हुई थी। इसमें पाटिदार नेता और पूर्व विधायक ओर नेता प्रतिपक्ष रह चुके परेश धानाणी का नाम सबसे आगे था। साथ ही दीपक बाबरिया के नाम के अलावा अर्जुन मोढवाडिया और जीतू पटेल के नाम पर चर्चा हो रही थी। शक्तिसिंह को गुजरात प्रदेश की कमान सौंपने के बाद उन्हें प्रभारी पद से मुक्त किया गया है। यह जिम्मेदारी दीपक बाबरिया को दी गई है। उन्हें दिल्ली और हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है।
पाटिदार और युवा नेता को पार्टी का प्रदेश नेतृत्व सौंपने के बजाए वरिष्ठ और अनुभवी क्षत्रिय नेता शक्तिसिंह गोहिल को कमान सौंपी गई। जानकारों के अनुसार गुजरात में कांग्रेस अपनी विरोधी भाजपा के साथ पूरी रणनीति के साथ मुकाबला करने की तैयारी करेगी। 7 जून को दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की बैठक आयोजित की गई थी, इसमें हाजिर रहने वाले गुजरात कांग्रेस के पूर्व विधायक ग्यासुद्दीन शेख ने ट्विट किया था कि हाईकमान को अपनी बुद्धि और सर्वे के आधार पर कांग्रेस विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध, जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को सम्मान देने वाले, लोक समस्या को लेकर संघर्ष करने की क्षमता वाले व्यक्ति को गुजरात का अध्यक्ष बनाना चाहिए। कांग्रेस नेता के इस बयान के बाद तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई थी और माना जा रहा था कि कांग्रेस इसके आधार पर कुछ बदलाव जरूर करेगी।