चेन्नई | भारतीय रुपये ने मंगलवार को शुरुआती कारोबार में मजबूती दिखाई और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8 पैसे की बढ़त के साथ 85.58 रुपये पर खुला। घरेलू शेयर बाजार में सकारात्मक रुख और विदेशी पूंजी प्रवाह के चलते रुपये को समर्थन मिला, जिससे निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास झलकता है।
रुपये की मजबूती के प्रमुख कारण:
1. घरेलू शेयर बाजार का प्रदर्शन:
निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स जैसे प्रमुख सूचकांकों में तेजी ने रुपये को मजबूती देने में योगदान दिया।
2. विदेशी पूंजी प्रवाह:
भारतीय बाजारों में मजबूत एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) ने रुपये को समर्थन दिया और भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों के भरोसे को दर्शाया।
3. वैश्विक मुद्रा बाजार:
हालांकि वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर मजबूत बना हुआ है, फिर भी रुपया अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
4. मौद्रिक नीति कारक:
विशेषज्ञों के अनुसार, रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में की गई ब्याज दरों में कटौती के कारण फॉरवर्ड प्रीमियम में गिरावट आई है, जिससे रुपया भविष्य में थोड़ी कमजोरी का सामना कर सकता है।
बाजार का आउटलुक:
विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपया सीमित दायरे में रहेगा, जिसमें ₹85.40–₹85.50 के आसपास समर्थन और ₹86.50 के करीब प्रतिरोध देखने को मिल सकता है।
अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर नजर बनी रहेगी, जो रुपये की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।