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चंद घंटों में 100% से ‘जीरो’ हुए स्टूडेंट के मार्क्स, गुजरात हाईकोर्ट पहुंचा मामला

हाईकोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और केंद्र सरकार से तत्काल जवाब मांगा

JEE Mains: परीक्षा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। वडोदरा के एक छात्र ने शिकायत की है कि मुख्य परिणाम से पता चलता है कि उसने पहले 300 में से 300 अंक हासिल किए थे, लेकिन कुछ घंटों के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पोर्टल ने परिणाम में बदलाव किया और दिखाया कि छात्र ने एक भी प्रश्न हल नहीं किया। इस पूरे मामले में छात्र ने गुजरात हाईकोर्ट की शरण ली है। हाई कोर्ट ने छात्र के पिता की ओर से दायर याचिका पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और केंद्र सरकार से तत्काल जवाब मांगा है।

कुछ ही घंटों में नतीजा बदल गया

वडोदरा के रहने वाले केयूश पटेल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि उसके बेटे कुश का रिजल्ट चंद घंटों में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के पोर्टल के जरिए बदल दिया गया। आवेदन के अनुसार, कुश एक होनहार छात्र है जिसने 10वीं कक्षा में 90% अंक प्राप्त किए और टीओएससी 22 के चरण-1 के शीर्ष -100 प्रतिभागियों में शामिल था और चरण-2 के लिए योग्य था। इस दावे को पुष्ट करने के लिए, आवेदन ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से एक निमंत्रण पत्र प्रस्तुत किया। फिलहाल कुश के 12वीं के रिजल्ट का इंतजार है।

पिता ने हाईकोर्ट में अपील की

पिता कीयूश पटेल ने आवेदन में कहा है कि उनके बेटे ने 12 अप्रैल को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन दी थी। जब एनटीए से प्रतिक्रिया पत्रक मेल में नहीं आया, तो पुत्र ने 20 अप्रैल की सुबह वेबसाइट की जाँच की और पाया कि उसने सभी प्रश्नों का सफलतापूर्वक प्रयास किया है और पूरे अंक प्राप्त किए हैं। कुछ घंटे बाद जब कुश ने प्रतिक्रिया पत्रक डाउनलोड किया, तो उन्होंने पाया कि उसने एक भी प्रश्न का प्रयास नहीं किया था। छात्र ने तुरंत इस मुद्दे को एनटीए के प्रमुख के समक्ष उठाया। एनटीए ने कहा था कि उसकी रिस्पांस शीट में सुधार किया जाएगा लेकिन जब 29 अप्रैल को रिजल्ट घोषित किया गया तो उसने इसे 7वें पर्सेंटाइल में रैंकिंग दिखाई।

तकनीकी खराबी और इलेक्ट्रॉनिक डाटा जांच की मांग

याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में तकनीकी खराबी और इलेक्ट्रॉनिक डाटा जांच की मांग की है। इतना ही नहीं, उसने अधिकारियों से परीक्षा केंद्र से वीडियो रिकॉर्डिंग की समीक्षा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डेटा को फिर से सत्यापित करने और परीक्षा सर्वर से बैकअप को सत्यापित करने के लिए भी कहा है, ताकि छात्र को शीघ्र न्याय मिल सके। इतना ही नहीं, याचिकाकर्ता ने अपने बेटे के परिणामों को संशोधित करने और पंजीकृत करने और उसे जल्द होने वाली जेईई एडवांस परीक्षा के लिए अपना फॉर्म भरने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की है। हाईकोर्ट में जस्टिस संगीता विश गुरुवार को फिर सुनवाई करेगी।

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