अहमदाबाद: शहर के सुभाष ब्रिज स्थित कलेक्टर कार्यालय परिसर में मौजूद सब रजिस्ट्रार कार्यालय में जमीन से जुड़े मामलों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ज्यादातर मामलों में कोई कार्रवाई नहीं होती थी। लेकिन बुधवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 75 हजार रुपये की रिश्वत के मामले में दो वकीलों समेत कुल 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की है। शिकायतकर्ता से पैतृक संपत्ति के नाम दर्ज कराने के लिए रिश्वत की मांग की गई थी, जिसकी राशि कुछ अनुबंधित कर्मचारियों में बांटी गई थी। ACB ने इस मामले में चार आरोपियों का एक दिन का रिमांड लेकर पूछताछ शुरू की है।
मृतक की संपत्ति के नामकरण में मांगी रिश्वत
घटना के अनुसार, अहमदाबाद निवासी एक विवाहित व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। चूंकि उसकी संपत्ति में कोई सीधा वारिस नहीं था, इसलिए उसके भाई-बहनों को वारिस के रूप में दर्ज किया गया। इसी प्रक्रिया के तहत मृतक के एक भाई ने संपत्ति के अधिकार छोड़ने से जुड़े दस्तावेज तैयार कराने के लिए वकील राजेश प्रजापति से संपर्क किया। राजेश ने सरकारी फीस के अलावा 15 हजार रुपये अपनी निजी फीस के रूप में मांगे, जो गूगल पे के जरिए चुका दिए गए। इसके बाद सरकारी फीस भी भुगतान कर दी गई।
वकील ने मांगी सब रजिस्ट्रार को देने के लिए रिश्वत
लेकिन दस्तावेज की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। जब मृतक के भाई ने इस बारे में पूछताछ की तो वकील ने बताया कि दस्तावेज में कुछ आपत्तियाँ उठाई गई हैं और यदि आपत्ति के बिना प्रक्रिया पूरी करनी है तो सब रजिस्ट्रार को 75 हजार रुपये रिश्वत देनी होगी। शिकायतकर्ता ने इस बात की जानकारी ACB को दी, जिसके बाद ट्रैप की योजना बनाई गई।
छापे में रिश्वत की राशि बरामद
ACB के अनुसार, वकील राजेश प्रजापति के कहने पर वकील कुश महेता और भारतीबेन परमार ने यह रिश्वत ली। भारतीबेन ने 33,500 रुपये अपने पास रखे और कंप्यूटर ऑपरेटर दलपतसिंह ठाकोर को 40,500 रुपये दिए। वहीं स्कैनिंग ऑपरेटर ख्याति जोशी को 500 रुपये और ऑपरेटर बलदेव परमार को भी 500 रुपये दिए गए।
ACB ने छापा मारकर सभी से रिश्वत की राशि बरामद की। इस दौरान बलदेव परमार फरार हो गया। ACB ने राजेश प्रजापति, कुश महेता, भारती परमार, दलपतसिंह और ख्याति जोशी को गिरफ्तार कर एक दिन की रिमांड पर पूछताछ शुरू कर दी है।