ऐसा भूतिया जंगल जहां हर तरफ दिखती है पेड़ों की लाश
नॉर्थ कैरोलिना और मैसाच्युसेट्स में ये नज़ारा ज्यादा दिखाई दे रहा है

वायरल। बदलती हुई जलवायु के चलते दुनिया भर में काफी कुछ बदलता जा रहा है. जहां ग्लेशियर पिघल रहे हैं तो वहीं गर्मी बेतहाशा बढ़ रही है. ऐसे ही क्लाइमेट चेंज के प्रभाव के तौर पर अमेरिका के कुछ हिस्सों में भूतिया जंगल उभरते जा रहे हैं. खासतौर पर नॉर्थ कैरोलिना और मैसाच्युसेट्स में ये नज़ारा ज्यादा दिखाई दे रहा है।

जिस तरह समुद्र का स्तर बढ़ने से कई शहरों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है, उसी तरह से समुद्र के किनारे के तमाम जंगल भी कब्रिस्तान में तब्दील होते जा रहे हैं. तीन गुना तेज़ी से सी लेवल बढ़ने की वजह से जंगलों में नमकीन पानी भरता चला जा रहा है और पेड़ मरते जा रहे हैं। वर्जीनिया इंस्टीट्यूट ऑफ मरीन साइंस के इकोलॉजिस्ट मैथ्यू किरवान ने सीबीएस से बात करते हुए बताया कि पूर्वी तट पर इस तरह के भूतिया जंगल ज्यादा दिख रहे हैं, जो हर साल 15 फीट बढ़ जाते हैं. पेड़ों में समंदर का खारा पानी और नमक जाने की वजह से वो देखते ही देखते खत्म हो जाते हैं।

पेड़ों के मरने के बाद उनके ठूंठ लाइन से दिखाई देते हैं, जो किसी कब्रिस्तान के टॉम्बस्टोन की तरह नज़र आते हैं. इकोलॉजिस्ट्स मानते हैं कि लोग सिर्फ शहरों के डूबने और ज़मीने जलमग्न होने के बारे में सोच रहे हैं, किसी का ध्यान जंगलों के इस तरह बर्बाद होने की ओर नहीं है। फिलहाल इस खत्म होते जा रहे हज़ारों एकड़ जंगलों की ओर किसी का भी ध्यान नहीं है और इसका कोई हल भी नहीं है। इसके अलावा भी तूफानों और सुनामी की वजह से भी जंगलों तक खारा पानी पहुंचता है और हरे-भरे पेड़ों को लाशों में तब्दील कर देता है।

हालांकि अब भी वैज्ञानिक पूरी तरह नाउम्मीद नहीं है. वन विशेषज्ञ मानते हैं कि खारे पानी से दूरी पर पेड़ लगाते रहना चाहिए, तभी जंगल दोबारा बन पाएंगे, वरना इस तरह के भूतिया जंगल हमारे पर्यावरण के लिए नुकसानदेह ही साबित होंगे. इन भूतिया जंगलों के पीछे कोई सुपरनेचुरल कहानी नहीं बल्कि इकोलॉजिकल सिस्टम है, जिसे सुधारा जा सकता है।