दमोह का ऐसा ऐसा चमत्कारी कुंड! जिसका पानी कभी नहीं होता खत्म, जानिए क्या है रहस्य?
बड़े-बड़े हाथियों के पानी पीने से भी कभी खत्म नहीं होता इस कुंड का पानी

दमोह। जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर तेंदूखेड़ा ब्लॉक के 27 मील चौराहे के करीब सिद्धों की झिरिया नामक स्थान है। यहां पंडा बाबा सिद्ध क्षेत्र धाम स्थित है, जहां पंडा बाबा और हनुमानजी महाराज विराजमान हैं। मंदिर के पीछे एक छोटा सा कुंड है, जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता।

बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि यहां ऐसे कई चमत्कार हुए, जिसे देख लोग भी अचंभे में पड़ गए। पहला चमत्कार तो आपकी आंखों के सामने ही है. एक छोटा सा पानी का कुंड है, जिसमें मौजूद जल कभी खत्म नहीं होता, जबकि आसपास लगभग 15 किलोमीटर दूर तक के क्षेत्र में पत्थर के अलावा कोई भी जल स्त्रोत का साधन नहीं है। बावजूद इसके यहां जल का रिसाव कहां से होता है, इसका किसी को भी पता नहीं है।

दूसरा चमत्कार तब देखने सुनने में आया, जब सालों पूर्व यहां घना जंगल हुआ करता था। वन्यजीवों के लिए पानी का कोई स्त्रोत नहीं था तब छोटे जानवरों के साथ-साथ बड़े जानवरों में हाथी भी अक्सर यहां अपना कंठ तर करने आते थे।जिसके बाद भी यह छोटा सा कुंड खाली नहीं हुआ।
बीतते समय के साथ यह सिद्ध क्षेत्र धाम पंडा बाबा की झिरिया के नाम से बुंदेलखंड क्षेत्र में मशहूर हो गया है। यहां दूर दराज से भी लोग अपनी मनोकामनाएं और पंडा बाबा के दर्शन करने आते हैं. दमोह, जबलपुर, सागर और भोपाल को जाने वाले यात्री अक्सर इस सिद्ध क्षेत्र धाम में रुककर कुछ देर आत्म चिंतन करते हैं।
इसलिए प्रसिद्ध हुआ स्थान
मन्दिर प्रांगण में रहने वाले कोमल जो पैरों से चल नहीं सकते, उन्होंने बताया कि वह कई वर्षों से पंडा बाबा के दरबार में रह रहे हैं। इस दरबार में मांगी हुई हर मनोकामना पूर्ण होती है. बहुत साल पहले आसपास के जंगल में काफी हाथी हुआ करते थे, जो पानी पीने के लिए अक्सर इसी कुंड में आया करते थे। जब हाथी भी इस कुंड को खाली नहीं कर पाए, तब से लोगों की आस्था बढ़ गई और यह स्थान सिद्ध क्षेत्र पंडा बाबा की झिरिया के नाम से बुंदेलखंड में जाना जाने लगा।
पूरी होती है मन्नत
वहीं मन्दिर के पुजारी ने बताया कि यह 27 मील के पंडा बाबा हैं। पंडा बाबा हर राहगीर की मनोकामना को पूरा करते हैं। यहां ऐसी मान्यता है कि पांच नारियलों का झुमका चढ़ाने पर श्रद्धालु भक्तों की मन्नत पूर्ण होती है।