राज्य में कैंसर मरीजों के रेडियो एक्टिव इलाज की सुविधा बढ़ेगी
द गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए 70 करोड़ रुपए की मंजूरी

गांधीनगर/अहमदाबाद। द गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इन्स्टीट्यूट में साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने 70 करोड़ रुपए देने के संबंध में सैद्धांतिक मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की अध्यक्षता और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल की मौजूदगी में आयोजित बैठक में इसका निर्णय किया गया। बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कई महत्व के निर्णय किए गए।

साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट के अंतर्गत रेडियो एक्टिव पदार्थ का उत्पादन किया जाएगा, जिसका उपयोग यूटिलिटी बिल्डिंग के अंदर कैंसर के निदान और उपचार के लिए हो सकेगा। गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इस्टीट्यूट में इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से अधिक मात्रा में उत्पादन क्षमता के साथ जब इसकी जरूरत होगी रेडियो एक्टिव पदार्थ मिल सकेगा। इसके अलावा प्रति मरीज इलाज खर्च में भी कमी आएगी।
1000 वर्ग मीटर जमीन में बनेगी बिल्डिंग
इस साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट और इसकी सुसंगत व्यवस्था के लिए 1000 वर्ग मीटर जगह की जरूरत साइक्लोट्रोन बंकर बनाने और बेसमेंट समेत 5 मंजिली यूटिलिटी बिल्डिंग बनाने के लिए 1000 वर्ग मीटर जगह की जरूरत होगी। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के इस प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन स्वास्थ्य विभ्ज्ञाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज अग्रवाल ने किया। यह साइक्लोट्रोन फॉर न्यूक्लियर मेडिसीन का प्रोजेक्ट करीब 2 साल में पूरा होगा। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज अग्रवाल ने बताया कि हाल की स्थिति में इन्स्टीट्यूट में न्यूक्लियर मेडिसीन विभाग का अपना साइक्लोट्रोन नहीं होने से वर्ष भर में लगभग 4 हजार मरीजों को पूर्ण लाभ मिलता है।
उन्होंने कहा कि कई मोलेक्यूलस ऐसे होते हैं जिनकी हाफ लाइफ थोड़े ही मिनट के लिए होती है। ऐसी कोई भी जांच अभी इस इंस्टीट्यूट में संभव नहीं है, परंतु साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट के संबंध में मशीन उपलब्ध होने से कई भी जांच जब करनी होगी, उसी समय हो सकती है। दी गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में न्यूक्लियर मेडिसीन विभाग पिछले 28 साल से अधिक समय से कार्यरत है। अब यह विभाग राज्य सरकार की मदद से साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट अब कार्यरत करेगा।
16 हजार मरीजों की हो सकेगी जांच
इस नए प्रोजेक्ट के शुरू होने से भविष्य में हाल की स्थिति के चार गुणा यानी वर्ष में 16 हजार मरीजों की जांच और इलाज संभव होगा। इसके अलावा भविष्य में जीसीआरआई के अन्य हॉस्पिटलों या सेंटर्स जैसे सिद्धपुर, राजकोट और भावनगर में भी मटिरियल आपूर्ति की जा सकेगी। बैठक में इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में भी चर्चा की गई। जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज सोला हॉस्पिटल में वर्ल्ड क्लास सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर 40 करोड़ रुपए अवंटित किए गए। यहां रेडियोलॉजी, एनेस्थेसिया, मेडिसीन, जनरल सर्जरी, गायनेक, बाल रोग, आंख रोग आदि विभागों में उत्कृष्ट काम के लिए खरीदा जाने वाले साधनों की विस्तृत व्यौरा दिया गया।