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राजकोट से पकड़े गए आतंकी पिछले 1 साल से थे अलकायदा के सम्पर्क में

टेलिग्राम के जरिए आतंकी साहित्य और संदेश प्राप्त कर 24 घंटे में कर देते थे डिलिट

-15 युवकों के सम्पर्क में थे आतंकी

अहमदाबाद। गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की कार्रवाई में राजकोट से पकड़े गए 3 आतंकियों से पूछताछ में कई नए खुलासे हुए हैं। आरोपित पिछले एक साल से अलकायदा के सम्पर्क में थी। इसके साथ ही आरोपित राजकोट सोनी बाजार के 15 अन्य युवकों के सम्पर्क में थे, जो सभी बंगाली कारीगर थे और राजकोट के सोनी बाजार में काम करते थे। एटीएस ने सभी 15 युवकों के बयान दर्ज किए हैं।

एटीएस सूत्रों के अनुसार पकड़े गए तीनों आतंकियों की योजना जन्माष्टमी के त्योहार के आसपास राजकोट में किसी आतंकी घटना को अंजाम देना था। इसी की तैयारी में जुटे थे, लेकिन इससे पूर्व ही पिछले दिनों गुजरात एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीनों को पकड़ लिया था। बताया गया कि आतंकी पिछले एक साल से अलकायदा के सम्पर्क में थे। वे बाहर से आतंकी साहित्य, सूचनाएं और जानकारियों का आदान-प्रदान करने में टेलिग्राम नामक सोशल साइट का उपयोग करते थे। सारी जानकारियों को वे 24 घंटे के अंदर डिजिट कर देते थे।

इससे आतंकियों के कम्यूनिकेशन को पकड़ने के लिए एफएसएल की टीम का सहारा लिया जा रहा है, जिससे टेलिग्राम के जरिए साझा की गई सूचनाओं का रिकवर की जा सके। पकड़े गए तीनों आतंकि पिछले 6 महीने से सोनी बाजार में रहकर काम करते थे। मूल पश्चिम बंगाल के तीनों आतंकी अलकायदा से रेडक्लाइज होने के बाद आतंकी संगठन को मजबूत बनाने के लिए अन्य युवकों को जोड़ने की कोशिश कर रहे थे। वे सभी सोनी बाजार के मुश्लिम कारीगरों को भड़काने का काम करते थे। आतंकियों के पास एक पिस्टल और 10 कारतूस भी बरामद हुआ था। बांग्लादेशी आतंकी पश्चिम बंगाल के रास्ते राजकोट पहुंचे थे। इनका मूल काम अलकायदा का भारत में जड़ जमाना था। पकड़े गए आतंकियों के नाम अमन, उसका साला अब्दुल सुकुर और सैफ नवाज है।

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