अमेरिका में ग्रीन कार्ड और H-1B वीजा धारकों को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि सरकार पहले से बने कानूनों को सही ढंग से लागू नहीं कर रही है। इसका सीधा असर हवाई अड्डों पर देखने को मिल रहा है, जहां ग्रीन कार्ड धारकों और अंतरराष्ट्रीय छात्रों को लंबी पूछताछ और हिरासत का सामना करना पड़ रहा है। कई मामलों में तो लोगों को बिना स्पष्ट कारण के ही दबाव बनाया जा रहा है।
क्या कहते हैं इमिग्रेशन वकील?
न्यूयॉर्क के इमिग्रेशन वकील नरेश गेही के मुताबिक, “सरकार न्यायपालिका की अनदेखी करके कानून को अपने हाथ में ले रही है।” उन्होंने बताया कि कई भारतीय पेशेवरों ने शिकायत की है कि उनसे हवाई अड्डों पर अनावश्यक सवाल पूछे जाते हैं। यहां तक कि कानूनी तौर पर अमेरिका में रहने वाले लोगों को भी “राष्ट्रीय सुरक्षा” के नाम पर परेशान किया जा रहा है।
वकीलों का यह भी कहना है कि ग्रीन कार्ड धारकों को अमेरिका से बाहर 180 दिन से ज्यादा नहीं रहना चाहिए। ऐसा करने पर उनकी वापसी पर जांच हो सकती है। पिछले साल फैबियन श्मिट नाम के एक ग्रीन कार्ड धारक को बोस्टन हवाई अड्डे पर इसलिए रोका गया, क्योंकि उन पर “अवैध गतिविधि” का शक था। बाद में पता चला कि यह केवल एक गलतफहमी थी।
सरकार का क्या है जवाब?
अमेरिकी सरकार इन आरोपों को खारिज करती है। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की अधिकारी ट्रिशिया मैकलॉघलिन का कहना है, “हम आव्रजन कानूनों को सख्ती से लागू कर रहे हैं। जो लोग नियम तोड़ेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछली सरकारें इन कानूनों को लागू करने में नाकाम रही थीं।
हालांकि, सिएटल की वकील कृपा उपाध्याय इसे “उचित प्रक्रिया का उल्लंघन” बताती हैं। उन्होंने एक भारतीय व्यापारी का उदाहरण दिया, जिसे B-1 वीजा पर काम करने के संदेह में अमेरिका में प्रवेश नहीं दिया गया। उपाध्याय के मुताबिक, “यह आपराधिक मामला नहीं, बल्कि आव्रजन प्रक्रिया में देरी का नतीजा था।”
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ग्रीन कार्ड धारकों के लिए चेतावनी
- 180 दिन का नियम: अमेरिका से बाहर 6 महीने से ज्यादा समय बिताने पर वापसी में दिक्कत हो सकती है।
- दस्तावेज तैयार रखें: ग्रीन कार्ड, टैक्स रिटर्न, और अमेरिका में संपत्ति के प्रमाण हमेशा साथ रखें।
- कानूनी सलाह लें: अगर हिरासत में लिए जाएं, तो तुरंत वकील से संपर्क करें।
भविष्य में क्या होगा?
यह मामला अमेरिका में रह रहे भारतीयों और अन्य अंतरराष्ट्रीय नागरिकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। सरकार का कहना है कि वह “राष्ट्रीय सुरक्षा” के लिए ऐसे कदम उठा रही है, लेकिन वकीलों को डर है कि इससे निर्दोष लोग प्रभावित हो रहे हैं।
निष्कर्ष:
अमेरिका में इमिग्रेशन नीतियों का सख्त होना एक वैश्विक चुनौती है। ग्रीन कार्ड और H-1B वीजा धारकों को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना होगा और कानूनी प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करना होगा।