अक्षय तृतीया का त्योहार आज मनाया जा रहा है. अक्षय तृतीया को 'अखा तीज' भी कहा जाता है. इस दिन सूर्य और चन्द्रमा दोनों उच्च राशि में स्थित होते हैं. इसलिए इस दिन सोना खरीदना या नई चीजों में निवेश करना शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कि अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन किए गए शुभ एवं धार्मिक कार्यों के अक्षय फल मिलते हैं. इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि वृषभ में होते हैं, इसलिए दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है. अक्षय का अर्थ होता है- जिसका क्षय ना हो. माना जाता है कि इस तिथि को किए हुए कार्यों के परिणाम का क्षय नहीं होता है.
अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023, शनिवार यानी आज मनाई जा रही है. अक्षय तृतीया की तिथि 22 अप्रैल यानी आज सुबह 07 बजकर 49 मिनट से शुरू हो रही है और इसका इसका समापन 23 अप्रैल यानी कल सुबह 07 बजकर 47 मिनच पर हो रहा है. अक्षय तृतीया का पूजन मुहूर्त आज सुबह 07 बजकर 49 से दोपहर 12 बजकर 20 तक रहेगा. पूजा की कुल अवधि 4 घंटे 31 मिनट होगी.
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का समय 22 अप्रैल यानी आज सुबह 07 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 23 अप्रैल यानी कल सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक रहेगी. सोना खरीदने की कुल अवधि 21 घंटे 59 मिनट रहेगी.
इस दिन सुबह स्नानादि से शुद्ध होकर पीले वस्त्र धारण करें. अपने घर के मंदिर में विष्णु जी को गंगाजल से शुद्ध करके तुलसी, पीले फूलों की माला या पीले पुष्प अर्पित करें. फिर धूप-अगरबत्ती, ज्योत जलाकर पीले आसन पर बैठकर विष्णु जी से सम्बंधित पाठ पढ़ने के बाद अंत में विष्णु जी की आरती पढ़ें. साथ ही इस दिन विष्णु जी के नाम से गरीबों को खिलाना या दान देना अत्यंत पुण्य-फलदायी होता है.
अक्षय तृतीया पर ऐसे कार्य करें, जिससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति हो. इस दिन ईश्वर की पूजा, उपासना, ध्यान जरूर करें. व्यवहार को मधुर बनाए रखें. सम्भव हो तो किसी व्यक्ति की सहायता करें. द्वार पर आए लोगों को खाली हाथ न लौटाएं. उन्हें दान-दक्षिणा अवश्य दें.
ऐसी मान्यता है कि इस दिन परशुराम, नर-नारायण, हयग्रीव का अवतार हुआ था. इसी दिन से बद्रीनाथ के कपाट भी खुलते हैं और इसी दिन वृंदावन में भगवान बांके बिहारी के चरणों के दर्शन होते हैं. अक्षय तृतीया पर मूल्यवान वस्तुओं की खरीदारी की जाती है