घर के उत्तर दिशा में देवी लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर लगाएं, जिसमें वह कमलासन पर विराजमान हों और स्वर्ण मुद्राएं गिरा रही हों। ऐसी तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है, इससे घर में समृद्धि का वास होता है। साथ ही अगर आप उत्तर दिशा में तोता की तस्वीर लगाएंगे तो पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होगा।
शनिदेव की कृपा पाने और साढ़ेसाती या ढैय्या के दौरान संकट से मुक्ति के लिए घर के पश्चिम दिशा में शनि यंत्र की विधिपूर्वक स्थापना करनी चाहिए। इससे आपके जीवन में आने वाली समस्याओं का अंत होगा।
पूर्व दिशा के घर में सूर्य यंत्र की स्थापना करें। पूर्वमुखी घर में मुख्य द्वारा के बाहर ऊपर की ओर सूर्य का चित्र या प्रतिमा लगाएं। इससे घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और नकारात्मक उर्जा के प्रवाह में कमी आती है। नौकरी और कारोबार के मामले में यह शुभ फलदायी होता है।
घर के मुख्य द्वार पर काले घोड़े की नाल लगाना शुभ माना गया है। नाल का मुख नीचे की तरफ होना चाहिए। मान्यता है कि इससे बुरी नजर से बचाव होता है और घर में रहने वाले लोगों की तरक्की होती है।
घर के मध्य भाग को हमेशा खाली रखें। अत्यधिक सामान को जब हम इस भाग में रखते हैं तो घर में प्रवेश करने वाली सकारात्मक ऊर्जा बाधित होती है। अगर यहां सामान रखना ही हो तो कम रखें और यहां गंदगी ना होने दें।
पूरे घर में एक मुख्य दर्पण होना चाहिए, जिसे आप पूर्वी और उत्तरी दीवारों पर लगाएं। घर के मुख्य द्वार पर कभी भी कांच नहीं लगाएं। उत्तर दिशा में दर्पण लगाने से आय और धन में वृद्धि होती है।
घर का मुखिया अगर भगवान शिव और चंद्र देव के मंत्रों का हर रोज जप करता है तो उसके यहां सुख और शांति का वास रहता है। वास्तु के नियमानुसार घर के बड़ों को नियमित शिवजी के मंत्रों का जप करना चाहिए, इससे घर में बरकत आती है।