आजकल दुनिया भर में प्रीमेच्योर बेबी होने के केसेस बहुत ज्यादा बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन ऐसा क्यों होता है? क्यों बच्चों की डिलीवरी जल्दी हो रही है? इससे क्या मां और बच्चों को खतरा होता है?
मां बनने के लिए एक महिला को 9 महीने तक अपने गर्भ में बच्चा रखना होता है. इस दौरान उसे कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और कई बार तो कुछ स्वास्थ्य कारणों की वजह से बच्चे का जल्दी जन्म भी हो जाता है, जिसे प्रीमेच्योर बेबी कहा जाता है.
कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य जटिलताओं के चलते कई गर्भवती महिलाओं को सबसे पहले बच्चे होने की शिकायत पाई गई है.
यदि गर्भवती मां पहले से ही किसी चिकित्सीय स्थिति का शिकार है, तो बच्चे को जन्म देने के समय यह समस्याएं हो सकती हैं.
अत्यधिक उम्र में मां बनने से भी प्री बर्थ टर्म की समस्या हो सकती है.
समय से पहले बच्चा पैदा होने से बच्चे की जान को खतरा हो सकता है. इस तरह के बच्चों में कम वजन, सांस लेने में कठिनाई, विकसित अंग और आंखों की रोशनी संबंधित शिकायत पाई जा सकती हैं.
जिसके चलते उनके शारीरिक और मानसिक विकास में कई समस्याएं आ सकती हैं. आइए आपको बताते हैं कि यह प्री बर्थ टर्म है क्या और इससे क्या समस्याएं हो सकती हैं.