घर की साफ सफाई के लिए झाड़ू का इस्तेमाल तो हर घर में होता है। मगर झाड़ू को हम धार्मिक नजरिए से भी देखते हैं। ऐसी मान्‍यता है कि झाड़ू में देवी लक्ष्‍मी का वास होता है।

इसलिए हिंदू घरों में झाड़ू को रखने से लेकर उसे इस्तेमाल करने तक के लिए कुछ नियम कायदों को फॉलो किया जाता है। यह नियम कायदे ही आज हम आपको बताएंगे, जिनका जिक्र ज्‍योतिष शास्‍त्र और धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है।

वास्‍तु के अनुसार कभी भी ब्रह्म मुहूर्त में  झाड़ू नहीं लगानी चाहिए और सूर्यास्‍त के बाद भी झाड़ू को नहीं टच करना चाहिए।

ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में सकारात्‍मक ऊर्जा का प्रवेश हो रहा होता है और झाड़ू लगाने से वह ऊर्जा भी घर से बाहर चली जाती है। वहीं सूर्यास्‍त के बाद झाड़ू को छूना भी अपशकुन होता है।

झाड़ू को हमेशा रसोई से लगाना शुरू करें और अंत में घर के मुख्‍य द्वार से सारा कूड़ा बाहर निकालते हुए नाली में फेंक कर पानी डाल दें। आप बाथरूम से भी झाड़ू लगाने की शुरुआत कर सकती हैं।

आपको बता दें कि सबसे ज्‍यादा नकारात्‍मक ऊर्जा घर के बाथरूम में ही होती है। इसलिए झाड़ू के बाद नमक का पोछा भी जरूर लगाएं।

आप घर में झाड़ू ऐसे स्‍थान पर रखें, जहां से वह पूर्ण रूप से नजर न आए। दरअसल, झाड़ू को हमेशा इसलिए छुपा कर रखना चाहिए क्‍योंकि उसमें देवी लक्ष्‍मी का वास बताया गया है और अपने घर की लक्ष्‍मी को कभी भी घर के बाहर के सदस्‍य को नहीं दिखाना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्‍मी की हानि होती है।

यदि आपके घर में कोई पूजा या अनुष्‍ठान हो रहा है, तो पूजन से पहले ही झाड़ू लगाएं, पूजन के बाद झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने से पूजा के बाद घर में आई सकारात्‍मक ऊर्जा भी झाड़ू के साथ घर के बाहर निकल जाती है। कभी भी टूटी हुई झाड़ू से आपको झाड़ू नहीं लगानी चाहिए।