बच्चा अगर अपनी उम्र के दूसरे बच्चों के साथ रहकर भी बोलने में असमर्थ होता है तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं.
ऐसे में आज हम आपको बच्चे के देरी से बोलने के पीछे के कुछ कारण बताने जा रहे हैं.
9 महीने से पहले पैदा होते हैं कई बार ऐसे बच्चों में देर से बोलना, देर से सुनना, देर से समझना और देर से कई गतिविधियां आदि समस्याएं देखने को मिलती हैं.
जन्म के बाद कान में इन्फेक्शन की समस्या हो चुकी है ऐसे बच्चों में भी बोलने की क्षमता बेहद प्रभावित होती है जिसके कारण ये बच्चे देरी से बोलना सीखते हैं.
बच्चों के कान में कोई दिक्कत होत जाती है जिसके कारण वो ठीक से सुनने में सक्षम नहीं हो पाते हैं. इसी वजह से वो बोलना भी काफी देर से शुरू करते हैं.
अगर बच्चे को अपनी उम्र के मुताबिक बोलने में काफी देर हो रही है तो ऐसे में बच्चे में न्यूरोलॉजिकल डिसएबिलिटी होने के भी चांसिस हो सकते हैं.
अगर आपका बच्चा कम बोलता है या नहीं बोलता है या फिर उसको भाषा को समझने में भी परेशानी होती है, तो वो ऑटिज्म डिसऑर्डर का शिकार हो सकता है.