आटा गूंथने के संबंध में कई वास्तु नियम भी हैं जिनका पालन करना घर की आर्थिक स्थिति और तरक्की के लिए बेहद ज़रूरी होता है।घर की गृहणी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह हमेशा स्नान करके ही आटा गूंथें।
आटा गूंथने के लिए जो पानी लें वो तांबे के बर्तन में ही रखें। तांबे के बर्तन में रखी खाद्य वस्तुएं शुद्ध होती हैं, इसलिए आटा भी शुद्ध हो जाता है। जो रोटी का भगवान को भोग भी लगाया जा सकता है। घर में बरकत बढ़ेगी, परिवार का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
आटा हमेशा ज़रूरत के अनुसार ही गूंथें।बहुत अधिक आटा गूंथ कर फ्रिज में रख दिया जाता है, और बाद में उपयोग किया जाता है। ऐसा करने से वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है, वहीं परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी बिगड़ता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार जब भी आटा गूंथकर रखे या रोटियां बनाने के लिए लोइयां बनाएं उसपर ऊँगली से हल्का निशान बना लें। ऐसा निशान पितृ दान के वक्त भी बनाया जाता है। ऐसा करने से पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है और घर में खुशहाली आती है।
आटा गूंथने के लिए हम हमेशा बर्तन में थोड़ा अधिक पानी लेते हैं। इस पानी को अकसर फ़ेंक दिया जाता है। वास्तु के अनुसार आटा गूंथने के बाद उसके बचे पानी को पेड़ पौधे में डालना चाहिए। यह प्राकृतिक रूप से भी अच्छा उपाय है, और ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि बढ़ती है।
आटा गूथने के बाद उसे खुला नही रखना चाहिए।खुला रहने पर उस पर नकारात्मक शक्तियां आ जाती हैं।उसे कपड़े से ढक कर रखे।इससे दो फायदे होंगे एक गंदा नही होगा और दूसरा सुद्ध बना रहेगा।जो हमारे स्वास्थ के साथ वास्तु शास्त्र के लिए उत्तम है।