आज बड़े ही हर्षोल्लास के साथ महाशिवरात्रि पर्व मनाया जा रहा है। इस विशेष दिन पर भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा का विधान है। प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ उपवास का भी विशेष महत्व है। भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव पर व्रत रखने से भक्तों को सभी पापों से मुक्ति प्राप्त होती है, साथ ही कई प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन चार प्रहर में भगवान शिव की उपासना की जाती है और इसके बाद व्रत का पारण किया जाता है। आइए जानते हैं रात्रि पूजा का समय और महाशिवरात्रि व्रत पारण का समय और विधि।
हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि पर प्रथम रात्रि की पूजा शाम 06:45 से शुरू होगी और 09:35 तक चलेगी। दूसरा पहर 09: 35 मिनट से शुरू होगा और 12:24 तक पूजा सम्पन्न होगी। तृतीय पहर की पूजा रात्रि 12:24 से सुबह 03:14 तक चलेगी।
महाशिवरात्रि पूजा समय
अंतिम व चतुर्थ प्रहर की पूजा सुबह 03:14 से प्रातः 06:03 के बीच किया जा सकता है। इस अवधि में भगवान शिव का विधवत रुद्राभिषेक करें और मंत्रोच्चारण के साथ महादेव को प्रसन्न करें।
हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि व्रत का पारण चतुर्थ रात्रि प्रहर पूजा के बाद सुबह 06:03 से दोपहर 02:48 के बीच किया जा सकता है। व्रत का पारण करने से पहले स्नान करें और उसके बाद भगवान शिव की उपासना करें।