हमारे देवी -दवताओं को भी यह अत्यंत प्रिय हैं। मां सरस्वती, श्रीकृष्ण, मां लक्ष्मी, इन्द्र देव, कार्तिकेय, श्री गणेश सभी को मोर पंख किसी न किसी रूप में प्रिय हैं।
मोर के विषय में माना जाता है कि यह पक्षी किसी भी स्थान को बुरी शक्तियों और प्रतिकूल चीजों के प्रभाव से बचाकर रखता है। यही वजह है कि अधिकांश लोग अपने घरों में मोर के खूबसूरत पंखों को लगाते हैं।
मोर पंख की जितनी महत्ता भारत के लोगों के लिए है शायद ही किसी अन्य देश के लोगों के लिए हो। हमारे यहां माना जाता है कि मोर नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सबसे प्रभावशाली है।
हालांकि 20वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पश्चिमी देशों के लोग मोरपंख को दुर्भाग्य का सूचक मानते थे। लेकिन मोर पंख की शुभता का अनुभव होने के बाद उसे शुभ चिन्ह के रूप में स्वीकार कर लिया गया।
हिंदू धर्म में मोर को धन की देवी लक्ष्मी और विद्या की देवी सरस्वती के साथ जोड़कर देखा जाता है।
लक्ष्मी सौभाग्य, खुशहाली और धन धान्य व संपन्नता के लिए पूजी जाती हैं। मोर के पंखों का प्रयोग लक्ष्मी की इन्हीं विशेषताओं को हासिल करने के लिए किया जाता है। मोर पंख को बांसुरी के साथ घर में रखने से रिश्तों में प्रेम रस घुल जाता है।
लक्ष्मी सौभाग्य, खुशहाली और धन धान्य व संपन्नता के लिए पूजी जाती हैं। मोर के पंखों का प्रयोग लक्ष्मी की इन्हीं विशेषताओं को हासिल करने के लिए किया जाता है। मोर पंख को बांसुरी के साथ घर में रखने से रिश्तों में प्रेम रस घुल जाता है।
अगर आपके वैवाहिक जीवन में तनाव है तो अपने शयनकक्ष में मोरपंख रखें, इससे पति पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है।
यदि शत्रुता समाप्त करनी हो या कि शत्रु तंग कर रहे हो, तो मोरपंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिंदूर से उस शत्रु का नाम मंगलवार या शनिवार रात्रि में लिखकर उसे घर के पूजा स्थल में रखें व सुबह उठकर उसे चलते पानी मे प्रवाहित कर आएं।