वृक्ष, पौधों और फूलों में शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने की क्षमता के अलावा वास्तुदोष मिटाने की क्षमता भी होती है। फूलों के बारे में कहा जाता है कि वे आपका भाग्य बदलकर आपके जीवन में खुशियां भरने की क्षमता रखते हैं।
आयुर्वेद में इसे स्वर्ण वृक्ष कहते हैं। इसके फूल मार्च, अप्रैल और मई माह में खिलते हैं, जो पीले होते हैं। लंबे-पतले डंठलों पर लटकने वाले पीले फूल और गोल कलिकाएं कानों में लटकने वाले बूंदों के समान दिखाई देती हैं। पीले सुनहरी फूलों से लदा हुआ यह वृक्ष घर-आंगन को सुकून और समृद्धि से भर देता है।
अगस्त्य के फूल सफेद अथवा गुलाबी रंग के होते हैं, जो शीत ऋतु में लगते हैं। आयुर्वेद के अनुसार अगस्त्य पेड़ शरीर से विषैले तत्वों को निकालने का काम करता है। इसके पंचांग (फूल, फल, पत्ते, जड़ व छाल) रस और सब्जी के रूप में प्रयोग होते हैं। इस पेड़ में आयरन, विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम व कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
रजनीगंधा के फूलों का उपयोग माला और गुलदस्ते बनाने में किया जाता है। इसकी लम्बी डंडियों को सजावट के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसका सुगंधित तेल और इत्र भी बनता है। इसके कई औषधीय गुण भी है।
गुलाब को गुलाब इसलिए कहते हैं क्योंकि यह अधिकतर गुलाबी रंग में बहुतायत में मिलता है। इससे त्वचा के सौन्दर्य को निखारा जा सकता है। गुलाब के फूलों की पत्तियां त्वचा को पोषण देती हैं, त्वचा के रोम-रोम को सुगंधित बनाती हैं, ठंडक प्रदान करती हैं। गर्मियों में गुलाब के फूलों का रस चेहरे पर मलने से चेहरे पर ठंडी-ठंडी ताजगी बनी रहती है।
जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, इसकी सुगंध आपको गर्मी के अहसास से दूर रखती है। मोगरा कोढ़, मुंह और आंख के रोगों में लाभ देता है।
पारिजात के फूलों को हरसिंगार और शैफालिका भी कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे नाइट जेस्मिन और उर्दू में गुलजाफरी कहते हैं। पारिजात के फूल आपके जीवन से तनाव हटाकर खुशियां ही खुशियां भर सकने की ताकत रखते हैं। पारिजात के ये अद्भुत फूल सिर्फ रात में ही खिलते हैं और सुबह होते-होते वे सब मुरझा जाते हैं। यह माना जाता है कि पारिजात के वृक्ष को छूने मात्र से ही व्यक्ति की थकान मिट जाती है।
चम्पा को अंग्रेजी में प्लूमेरिया कहते हैं। चम्पा के खूबसूरत, मंद, सुगंधित हल्के सफेद, पीले फूल अक्सर पूजा में उपयोग किए जाते हैं। चम्पा का वृक्ष मंदिर परिसर और आश्रम के वातावरण को शुद्ध करने के लिए लगाया जाता है। चम्पा के वृक्षों का उपयोग घर, पार्क, पार्किंग स्थल और सजावटी पौधे के रूप में किया जाता है।